Sunday, May 27, 2018

पहचानिए 'गद्दारों' को :-

तारीख बुधवार 23 मई 2018 । दिल्ली का पांच सितारा भव्य हॉल । प्रकाशक हार्पर कोलिन्स और लेखक असद दुर्रानी की पुस्तक का विमोचन समारोह ।  इसका विमोचन किया पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, ओमर अब्दुल्ला, बरखा दत्त, फारूख अब्दुल्ला, कपिल सिब्बल, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, यशवंत सिन्हा, शिव शंकर मेनन आदि ने । सभी नामों को ध्यान से पढ़िए । फिर जानिए पर्दे के पीछे का पूरा सच ।

दिल्ली में पुस्तक ‘द स्पाई क्रॉनिकल्स : रॉ, आईएसआई एंड द इलूजन ऑफ पीस’ का विमोचन समारोह रखा गया । इस पुस्तक को दुर्रानी के साथ सह लेखक के रूप में रॉ के पूर्व उपमुखिया ए एस दुलत और पत्रकार आदित्य सिन्हा द्वारा लिखे जाने का समाचार सामने आया । पहले तो जानिए दुर्रानी को ।असद दुर्रानी इस नाम से आप बेशक परिचित ना होंगे, लेकिन इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप इस नाम को कभी भूल नही पाएंगे । असद दुर्रानी पाकिस्तान की खुफिया आतंकी एजेंसी ISI के चीफ रहे हैं। जी "आईएसआई"के चीफ , सही पढ़ा आपने ।

इन्ही दुर्रानी साहब ने पाकिस्तान के इशारे पर अपनी एक किताब लिखी है जिसमें भारत को गलत ढंग से दर्शाया गया है। भारत की नीतियों को गलत, दादागिरी भरी व दुर्भावना से ग्रसित बताया है। इस पुस्तक में उन्होंने भारत की बेहतरीन खुफिया एजेंसी RAW और भारतीय सेना पर भी गंभीर झूठे आरोप लगाये हैं ।इस किताब में उन्होंने वर्तमान NSA चीफ अजित डोवाल की भी बहुत बुराई की है । इसमे वर्तमान भारत सरकार की नीतियों और मोदी की भी आलोचना की गई है । दुर्भाग्य देखिये । 2 कौड़ी का भाड़े का टट्टू असद दुर्रानी जो कल तक भारत मे आतंकवाद फैलाता था, जो कल तक भारत मे आतंकवादी भेजता था, जिसकी ISI ने कसाब को भेज कर मुम्बई पर हलमा करवाया था ; आज वही असद दुर्रानी जब सेनानिवृत हो गया तब इसने पाकिस्तान की सेना और ISI द्वारा फेंके गए टुकड़ों की ख़ातिर भारत के खिलाफ एक किताब लिख डाली । मजा देखिये कांग्रेस का पूरा समर्थन इस दुर्रानी को मिला ।

अब आगे सुनिए । इस पुस्तक को भारत मे भव्य पैमाने पर लांच करने का कार्यक्रम बना । असद दुर्रानी की भारत के प्रति नफरत और भारत मे आतंक फैलाने के इरादों को देखते हुए मोदी सरकार ने इन्हें बुक लॉन्च के लिए भारत आने के लिए वीज़ा देने से साफ इनकार कर दिया। अब जब वीजा नही तो दुर्रानी मियां भारत आ नही सकते । देश विरोधी बुक लॉन्च खटाई में पड़ गया। मने हिम्मत देखिये दुश्मन देश की खुफिया एजेंसी का चीफ भारत मे पहले तो आतंकवाद फैलाता है । फिर भारत के खिलाफ किताब लिखता है और फिर उसे भारत मे लॉन्च करने भी आने की हिम्मत दिखाता है । जानते हैं क्यों? क्योकि इस देश मे उसके कई दोस्त उसकी मदद को तैयार बैठे हैं। वे बाहें फैलाये उसे गले लगाने का इंतज़ार कर रहे हैं ।

असद दुर्रानी ने ये सब पैसे और अपने देश पाकिस्तान के प्रति निष्ठा के चलते किया । लेकिन पूरे विश्व मे जब भी कोई मोदी विरोध करे तो भला कांग्रेस कैसे चुप बैठ सकती है? सो कांग्रेस जो बाहें फैलाये ex ISI चीफ का इस्तकबाल करने का प्लान बनाया । लेकिन वीजा नही मिला । पूरी कांग्रेस बहुत मायूस हुई और इसे अभिव्यक्ति की आज़ादी खत्म करने वाला कदम बता दिया । कांग्रेस के साथ इनकी पूरी गैंग भी मैदान में उतर आई । जब असद दुर्रानी को वीज़ा नही दिया गया तो कांग्रेस ने बाकायदा एक 5-Star होटल में आयोजन कर इस पुस्तक को रिलीज़ करवाया ।

कांग्रेस ने अब खुलकर इशारा किया है कि मोदी सरकार चाहें जितना ज़ोर लगा ले अगर कांग्रेस ने ठान लिया है कि वे किसी पाकिस्तानी को भारत बुला के रहेंगे तो वे हर हद्द को पार कर उसे बुलाएंगे।  और उसने  ऐसा किया भी । कांग्रेस ने कार्यक्रम में बाकायदा पूर्व ISI Chief असद दुर्रानी को वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिए इस पूरे कार्यक्रम का हिस्सा बनाया। यह एक चैलेंज है कि लो देशवासियों अब उखाड़ लो जो उखाड़ना है । हमने तो बुला लिया और किताब का विमोचन भी करवा दिया ।

आप जानिए इस हकीकत हो । ये सब कांग्रेसी मोदी विरोध में इतने अंधे हो चुके हैं कि अब देश विरोध तक पर उतर आए हैं? मोदी विरोध तो ठीक है पर भारत सरकार का विरोध? RAW का विरोध? भारतीय सेना का विरोध? भारतीय संवैधानिक संस्थाओं का विरोध कहाँ तक ठीक है?

हां पूर्व रॉ अधिकारी दुलत का शामिल होना एक गंभीर संकेत है । क्या पिछले 70 सालों से सुरक्षा तंत्र में इतने बड़े स्तर के अधिकारी भी बतौर काँग्रेसी एजेंट कार्य कर रहे थे । देखिये । समझिए ।

सादर
Post by
सुधांशु

Sunday, May 6, 2018

This will Make You Proud

When Hitler invaded Poland & started the World War II, 500 Polish women & 200 children were put on a ship to save them from the Germans. The ship was left in the sea by the Polish Army and the Captain was told to take them to any country where they can get shelter.  The last msg from their countrymen was "If we are alive or survive, we will meet again!"

The ship, filled with 500 refugee Polish women & 200 children were refused to come in by many European Ports, Asian Ports like Seychelles, Aden etc.  The ship continued to sail & somehow reached a harbour port of Iran. Yes so far away! There also they did not get any permission!

Finally, the ship wandering in the sea reached India and came to then port of Bombay. The British Governor also refused the ship to port!

Where the Maharaja of Jamnagar, "Jam Saheb Digvijay Singh" came to know  about this ship, he became truly concerned!

He allowed the ship to port in his kingdom at a port near Jamnagar! He not only gave shelter to 500 women but also gave their children free education in Balachiri in an Army School!

These refugees stayed in Jamnagar for nine years, till World War II lasted. They were well taken care of by Jam Saheb who regularly visited them and was fondly called Bapu by them!

Later these refugees returned to their own country.  One of the children of these refugees later became the Prime Minister of Poland.  Even today, the descendants of those refugees come to Jamnagar every year & remember their ancestors!

In Poland, the name of many roads in the capital of Warsaw are named after Maharaja Jam Saheb.  There are many schemes in Poland in his name. Every year Poland newspapers print articles about Maharaja Jam Saheb Digvijay Singh!

From the ancient times, the msg of India वसुधैव कुटुम्बकम (the world is a family) & its tolerance has been wellknown in the world. India was will remain with Indian Culture - Rich ,brave, tolerant, compassionate & genuinely humanitarian - plus pro life, pro good values & great respect!

This was an illustrious page from modern contemporary history, little known to many today even in India!

Thought that you might want to know!
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Till date We were studying history set by the Britishers’ only.