Thursday, December 26, 2019

Ambernath Temple (अम्बरनाथ मंदिर)

शिव को हि कहा जाता है अम्बरनाथ जिसका अर्थ अम्बर(आकाश) नाथ(राजा)
आकाश के राजा है भोले नाथ।

यह मंंदीर मुम्बई से काफी करीब है। मुम्बई आ कर भी इनके दर्शन नही किये हो तो अब कर लेेना।

कल्याण से 2 स्टेशन बाद (कर्जत की और) आता है। अम्बरनाथ स्टेशन
स्टेशन से आप 
पैदल(लगभग 2 से 2.5km) भी जा सकते है|
वैसे तमाम Auto Rikshaw मील जाएंगे आप को!

उल्हस नदी के करीब

दर्शन के लिये वीडियो लिंक पे click करें
https://youtu.be/MTc68HjhwyQ

Wednesday, December 25, 2019

खंडग्रास (कंकण आकृति) सूर्यग्रहण 26 दिसंबर 2019


क्या होता है सूर्य ग्रहण ?

पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमने के साथ-साथ सूर्य के चारों ओर भी चक्कर लगाती है। दूसरी ओर, चंद्रमा पृथ्वी का चक्कर लगता है, इसलिए, जब भी चंद्रमा चक्कर काटते-काटते सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तब पृथ्वी पर सूर्य आंशिक या पूर्ण रूप से दिखना बंद हो जाता है। इसी घटना को सूर्यग्रहण कहा जाता है। इस
खगोलीय स्थिति में सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी तीनों एक ही सीधी रेखा में आ जाते हैं। सूर्यग्रहण अमावस्या के दिन होता है,जबकि चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन पड़ता
है।  पृथ्वी से सूर्य ओर चन्द्र की दूरी व समीपता घटती-बढ़ती रहती है, जिससे हमें इनके बिम्ब छोटे-बड़े होते दिखते हैं। जब सूर्यग्रहण के समय चन्द्र-बिम्ब सूर्य-बिम्ब
के बराबर होता है, तब सूर्य का पूर्णग्रास ग्रहण, जब वह सूर्य-बिम्ब से कुछ बड़ा होता है, तब सूर्यखग्रास ग्रहण और जब वह सूर्य-बिम्ब से कुछ छोटा होता है, तब सूर्यग्रहण कंकणाकृति होता है। उस समय चन्द्र-बिम्ब सूर्य-बिम्ब को इस प्रकार ढकता है कि-सूर्य-बिम्ब के लगभग मध्य में चन्द्र बिम्ब समाविष्ट होता है, जिससे उस समय सूर्य-बिम्ब का अनाच्छादित बाहरी भाग चांदी, के चमकते कंकण (कंगन) की तरह दिखाई देने लगता है, इसीलिए इस ग्रहण को कंकणाकृति ग्रहण कहा जाता है। 

शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के सूतक समय को अशुभ मुहूर्त माना जाता है. इस दौरान कोई शुभ या नए काम की शुरुआत नहीं करनी चाहिए. इसके साथ ही भगवान की पूजा भी नहीं करना चाहिए और ना हि देव दर्शन करना चाहिए. धार्मिक नियमें के अनुसार सूर्यग्रहण के 12 घंटे से पहले ही सूतक लग जाता है और यह ग्रहणकाल के समाप्त होने के मोक्ष काल के बाद स्नान, धर्म स्थलों को फिर से पवित्र करने के बाद ही समाप्त होता है।

भारत में सूर्यग्रहण तारीख और समय
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सूर्यग्रहण 26 दिसंबर को पड़ रहा है. भारतीय समय अनुसार ग्रहण का स्पर्श 26
दिसंबर के दिन प्रातः 8 बजकर 10 मिनट से आरंभ होगा इसका मध्य (ग्रहण मध्य) प्रातः 9 बजकर 31 मिनट पर रहेगा तथा ग्रहण मोक्ष (ग्रहण खत्म) प्रातः 10 बजकर 51 मिनट पर होगा ग्रहण का पर्वकाल (स्नान, दान आदि) का समय दोपहर 2 बजकर 41 मिनट तक मान्य होगा। ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले 25 दिसंबर की रात 8 बजकर 10 मिनट से आरंभ हो जाएगा।  

इस विषयक संहिता प्रतिफल यह कि यह ग्रहण मूल नक्षत्र एवं धनु राशि मण्डल पर मान्य है। अत: इस नक्षत्र राशि वालों को ग्रहण दर्शन नहीं करना चाहिए। अपितु अपने इष्टदेव की आराधना गुरूमंत्र जप एवं धार्मिक ग्रन्थ का पठन-मनन करना चाहिए।

यह ग्रहण भारत में दक्षिण का कुछ क्षेत्र छोड़कर (क्योंकि दक्षिणी भारत
में कंकणा कृति सूर्य ग्रहण होगा।) पूर्वी सउदी अरेबिया, ओमान, यमन, पूर्वी इथियोपिया, सोमालिया, पूर्वी व मध्य केन्या, भारत का "दक्षिणी-पश्चिमी समुद्री क्षेत्र, रूस  का दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र,
उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, इरान, दुबई,
अफगानिस्तान, पाकिस्तान,
ताजिकिस्तान, 'मंगोलिया, कोरिया, चीन, नेपाल, भूटान, म्यामार, बांग्लादेश, मलेशिया, ब्रूनेई, फिलीपीन्स, इंडोनेशिया,
श्रीलंका, उत्तरी पूर्वी पश्चिमी आस्ट्रेलिया, जापान आदि में , खण्डग्रास रूप में दृश्य होगा तथा भारत में पेराम्बुर, मंगलुरू,
पुत्तुर, कन्नूर, कोझिकोडे, बांदपुर, टाईगर रिजर्व, पलक्कड़, तिरूपुर, इरोडे, डिंडीगुल, मदुराई, तिरुचिरापल्ली तथा भारत के अतिरिक्त उत्तरी श्रीलंका, मध्य इंडोनेशिया, मलेशिया, सउदी अरेबिया का उत्तर-पूर्वी क्षेत्र आदि में यह ग्रहण कंकणा
कृति रूप में दृश्य होगा।

ग्रहणकाल के दौरान क्या करें
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ग्रहण का सूतक शुरू होने से पहले खाने की बनी हुई चीजों में कुशा अथवा तुलसी के पत्ते डालकर रखें. दूध में भी तुलसी या कुशा डालना ना भूलें। माना जाता है कि  कुशा और तुलसी के पत्ते ग्रहण के समय निकलने वाली हानिकारक तरंगों से भोजन
को दूषित होने से बचा लेता है। ग्रहण काल के बाद स्नान करना चाहिए और घरों आदि की सफाई धुलाई अवश्य करें। ग्रहण काल के समाप्त होने के बाद पूरे घर में झाडू
लगाकर गंगाजल का छिड़काव करके उसे शुध्द करें। मंदिर या मंदिर घर को गंगाजल छिड़ककर शुध्द करें और धूप-दीप कर उन्हें भोग लगाएं। ग्रहण खत्म होने के
बाद गरीब और जरूरतमंद को अनाज, कपड़े और पैसे आदि का दान करें। 

ग्रहणकाल के दौरान क्या न करें
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ग्रहण एवं ग्रहण के सूतक के दौरान किसी भी नए कार्य को करना शुभ नहीं माना जाता है। इस दौरान किसी भी नए काम को शुरू नहीं करना चाहिए। ग्रहणकाल के दौरान भोजन करना, खाना पकाना, नहाना, शौच के लिए जाना और सोना
नहीं चाहिए। ग्रहण के दौरान तुलसी अथवा अन्य देववृक्षो को नहीं छूना चाहिए और ग्रहण खत्म होने के बाद तुलसी के पौधे को
गंगाजल छिड़ककर शुध्द करना चाहिए। ग्रहण के दौरान मंदिर या मंदिर घर में पूजा न करें। भगवान की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए। भगवान की प्रतिमा को कपड़े से ढककर रखना चाहिये। ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और ग्रहण दर्शन तो भूलकर भी
नहीं करना चाहिए। हिन्दू धर्म में सूर्य ग्रहण का एक अलग महत्व है। वहीं विज्ञान के नजरिये से इसकी अलग ही परिभाषा है,
विज्ञान केवल इसे खगोलिय घटना मानता है। सूर्य ग्रहण के नाम से कई लोग ऐसे भी हैं जो सूर्य ग्रहण देखने के लिए इच्छा जताते हैं। लेकिन बता दें सूर्य ग्रहण को
देखने के लिए कई सावधानियां बरतनी होती है। सूर्य ग्रहण देखने से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है
आम तौर पर लोग सूर्य ग्रहण को पानी में सूर्य की छवि को देखते हैं। जो कि ऐसा करना बिल्कुल गलत है इससे आंखों को काफी नुकसान पहुच सकता है। इसके अलावा कई लोग पानी में हल्दी या कोई पदार्थ डाल कर देखते हैं लेकिन ये भी काफी घातक हो सकता है। इसलिए सूर्य ग्रहण को देखने के लिए ऐसे प्रक्रिया
का इस्तेमाल ना करें और अपनी आखों को नुकसान पहुंचाने से बचाएं।

ग्रहण का राशिफल
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इस ग्रहण का स्पर्श-मोक्ष मूल नक्षत्र एवं धन राशि में ही हो रहा है। अत: धनु राशिस्थ-चन्द्र एवं मूल नक्षत्र में घटित
होने से मूल नक्षत्र एवं धनु राशि में जन्म लेने वाले किंवा धनु नामराशि वाले व्यक्तियों के लिए यह ग्रहण विशेष कष्टप्रद है। जन्म किंवा नाम राशि के आधार पर विभिन्न राशि वाले व्यक्तियों के लिए इस सूर्यग्रहण' का फल नीचे दिया गया है।

धनु-राशिगत सूर्यग्रहण का 12 राशियों पर फल
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राशि जन्म/नाम          फल 
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मेष                        अपमान
वृषभ                     महाकष्ट
मिथुन                    स्त्री/पति कष्ट
कर्क                      सुख
सिंह                       चिन्ता
कन्या                     कष्ट
तुला                      धनलाभ
वृश्चिक                   हानि
धनु                       घात
मकर                     हानि
कुम्भ                     लाभ
मीन                      सुख प्राप्ति।

ग्रहण दर्शन के राशि अनुसार फल
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मेष, मिथुन, सिंह, वृश्चिक राशि हेतु सामान्य मध्यम फल, 

वृषभ, कन्या, धनु, मकर राशि हेतु नेष्ट अशुभ दर्शन करना योग्य नहीं। 

कर्क, तुला, कुंभ, मीन राशि हेतु दर्शन शुभ सुखद फल। 

पौष मास में ग्रहण का फल
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"पौषे द्विज-क्षत्र-जनोपरोध: 
ससैन्धवारब्या: कुकुरा विदेहाः।
ध्वंसं ब्रजन्त्यत्र च मन्दवृष्टिं 
भयं च विन्द्यादसुभिक्ष-युक्तम्।।"

क्योंकि यह सूर्यग्रहण पौषी अमावस (पौष
मास) में हो रहा हैं, अतः बुद्धिजीवि वर्ग एवं शस्त्रधारी किंवा यद्धति वर्ग में परस्पर उपद्रव की सम्भावना रहेगी। सिंध प्रदेश, कुकुर प्रदेश, विदेह (मिथिला-प्रदेश) भारी कष्टप्रद परिस्थिति में रहें।

इस वर्ष कुछ प्रान्तों में वर्षा से हानि, कहीं दुर्भिक्ष से परेशानी का सामना करना पड़े।

(ग्रहणवेध-अवधि के लगभग तक) गुरु, सूर्य, चन्द्र, बुध, शनि एवं केतु-ये षड्ग्रह सूर्यग्रहण कालीन राशि (धनु) में रहेंगे। उल्लिखित ग्रहस्थिति भारतीय राजनीति में प्रतिष्ठित व्यक्तियों, व्यापारियो, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों एवं सैन्य अधिकारियों के लिए भयावह है यह स्थिति पाक, अमरीका. इजराइल, उ.कोरिया एवं भारत आदि की
शासन-व्यवस्था में उलटफेर का संकेत देती है। भारत एवं भारतेतर कुछ मुस्लिम राष्ट्रों एवं चीन, जापान आदि मे भी भयंकर प्राकृतिक आपदा (भूकम्प, विस्फोट आदि) से भारी जनधनहानि के योग बनते हैं। प्रतिष्ठित व्यक्ति का पद रिक्त होने का भी संकेत मिलता है।

विशेष👉 उपरोक्त ग्रहण विवरण ऋषिकेश के भारतीय स्थानीय समयानुसार है। अपने ग्राम/नगर का सूर्यग्रहण जानने के लिये स्थानीय पञ्चाङ्ग का अनुसरण करें।

भारत के कुछ प्रमुख नगरों के ग्रहण-समय

स्थान   ग्रहण-प्रारम्भ समय  ग्रहण-समाप्ति 
अहमदाबाद      8-06 से      10-53 तक
दिल्ली              8-17 से      10-58 तक
मुंबई व सूरत     8-04 से      10-56 तक
श्रीनगर            8-22 से      10-48 तक
जोधपुर            8-09 से      10-51 तक
लखनऊ           8-19 से      11-07 तक
भोपाल            8-10 से      11-03 तक
रायपुर (छ.ग.)  8-14 से       11-16 तक
देहरादून           8-10 से       10-51 तक
चंडीगढ़           8-19 से        10-55 तक
रांची व पटना    8-22 से        11-23 तक
कोलकाता        8-27 से        11-33 तक
भुवनेश्वर          8-19 से        11-29 तक
चेन्नई               8-08 से        11-20 तक
बेंगलुरु,हैदराबाद 8-06 से      11-12 तक

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Thursday, December 12, 2019

पूरी दुनिया को मुसलमान बनाने के लिए कितने संगठन कार्य कर रहे हैं ! आओ जाने!


 1) अल -शबाब (अफ्रीका ), 
2) अल मुराबितुंन (अफ्रीका ), 
3) अल -कायदा (अफगानिस्तान ), 
4) अल -क़ाएदा (इस्लामिक मघरेब ), 
5) अल -क़ाएदा (इंडियन सबकॉन्टिनेंट ), 
6) अल -क़ाएदा (अरेबियन पेनिनसुला ),
7) हमास (पलेस्टाइन ), 
8) पलिस्तीनियन इस्लामिक जिहाद (पलेस्टाइन ), 
9) पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ़ (पलेस्टाइन ), 
10) हेज़बोल्ला (लेबनान ), 
11) अंसार अल -शरीया -बेनग़ाज़ी (लेबनान ), 
12) असबात अल -अंसार (लेबनान ), 
13) ISIS (इराक ), 
14) ISIS (सीरिया ),
15) ISIS (कवकस )
16) ISIS (लीबिया )
17) ISIS (यमन )
18) ISIS (अल्जीरिया ), 
19) ISIS (फिलीपींस )
20) जुन्द अल -शाम (अफगानिस्तान ), 
21) मौराबितौं (लेबनान ), 
22) अलअब्दुल्लाह अज़्ज़म ब्रिगेड्स (लेबनान ), 
23) अल -इतिहाद अल -इस्लामिया (सोमालिया ), 
24) अल -हरमैन फाउंडेशन (सऊदी अरबिया ), 
25) अंसार -अल -शरीया (मोरोक्को ),
26) मोरोक्को मुदजादिने (मोरक्को ), 
27) सलफीआ जिहदिआ (मोरक्को ), 
28) बोको हराम (अफ्रीका ), 
29) इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ (उज़्बेकिस्तान ), 
30) इस्लामिक जिहाद यूनियन (उज़्बेकिस्तान ), 
31) इस्लामिक जिहाद यूनियन (जर्मनी ), 
32) DRW True -रिलिजन (जर्मनी )
33) फजर नुसंतरा मूवमेंट (जर्मनी )
34) DIK हिल्देशियम (जर्मनी )
35) जैश -ए -मुहम्मद (कश्मीर ), 
36) जैश अल -मुहाजिरीन वल -अंसार (सीरिया ), 
37) पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ़ पलेस्टाइन (सीरिया ), 
38) जमात अल दावा अल क़ुरान (अफगानिस्तान ), 
39) जुंदल्लाह (ईरान )
40) क़ुद्स फाॅर्स (ईरान )
41) Kata'ib हेज़बोल्लाह (इराक ), 
42) अल -इतिहाद अल -इस्लामिया (सोमालिया ), 
43) Egyptian इस्लामिक जिहाद (Egypt ), 
44) जुन्द अल -शाम (जॉर्डन )
45) फजर नुसंतरा मूवमेंट (ऑस्ट्रेला )
46) सोसाइटी ऑफ़ द रिवाइवल ऑफ़ इस्लामिक हेरिटेज (टेरर फंडिंग , वर्ल्डवाइड ऑफिसेस )
47) तालिबान (अफगानिस्तान ), 
48) तालिबान (पाकिस्तान ), 
49) तहरीक -i-तालिबान (पाकिस्तान ), 
50) आर्मी ऑफ़ इस्लाम (सीरिया ), 
51) इस्लामिक मूवमेंट (इजराइल )
52) अंसार अल शरीया (तुनिशिया ), 
53) मुजाहिदीन शूरा कौंसिल इन द एनवीरोंस ऑफ़ (जेरूसलम ), 
54) लिबयान इस्लामिक फाइटिंग ग्रुप (लीबिया ), 
55) मूवमेंट फॉर वेनेस्स एंड जिहाद इन (वेस्ट अफ्रीका ), 
56) पलिस्तीनियन इस्लामिक जिहाद (पलेस्टाइन )
57) तेव्हीद-सेलम (अल -क़ुद्स आर्मी )
58) मोरक्कन इस्लामिक कोंबटेंट ग्रुप (मोररोको ), 
59) काकेशस अमीरात (रूस ), 
60) दुख्तरान -ए -मिल्लत फेमिनिस्ट इस्लामिस्ट्स (इंडिया ),
61) इंडियन मुजाहिदीन (इंडिया ), 
62) जमात -उल -मुजाहिदीन (इंडिया )
63) अंसार अल -इस्लाम (इंडिया )
64) स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ (इंडिया ), 
65) हरकत मुजाहिदीन (इंडिया ), 
66) हिज़्बुल मुझेडीन (इंडिया )
67) लश्कर ए इस्लाम (इंडिया )
68) जुन्द अल -खिलाफह (अल्जीरिया ), 
69) तुर्किस्तान इस्लामिक पार्टी ,
70) Egyptian इस्लामिक जिहाद (Egypt),
71) ग्रेट ईस्टर्न इस्लामिक रेडर्स' फ्रंट (तुर्की),
72) हरकत -उल -जिहाद अल -इस्लामी (पाकिस्तान ),
73) तहरीक -ए -नफ़ज़ -ए -शरीअत -ए -मोहम्मदी (पाकिस्तान ), 
74) लश्कर ए तोइबा (पाकिस्तान )
75) लश्कर ए झांगवी (पाकिस्तान )
76) अहले सुन्नत वल जमात (पाकिस्तान ),
77) जमात उल -एहरार (पाकिस्तान ), 
78) हरकत -उल -मुजाहिदीन (पाकिस्तान ), 
79) जमात उल -फुरकान (पाकिस्तान ), 
80) हरकत -उल -मुजाहिदीन (सीरिया ), 
81) अंसार अल -दिन फ्रंट (सीरिया ), 
82) जब्हत फ़तेह अल -शाम (सीरिया ), 
83) जमाह अन्शोरूट दौलाह (सीरिया ), 
84) नौर अल -दिन अल -ज़ेन्कि मूवमेंट (सीरिया ),
85) लिवा अल -हक़्क़ (सीरिया ), 
86) अल -तौहीद ब्रिगेड (सीरिया ), 
87) जुन्द अल -अक़्सा (सीरिया ), 
88) अल -तौहीद ब्रिगेड (सीरिया ), 
89) यरमूक मार्टियर्स ब्रिगेड (सीरिया ), 
90) खालिद इब्न अल -वालिद आर्मी (सीरिया ), 
91) हिज़्ब -ए इस्लामी गुलबुद्दीन (अफगानिस्तान ), 
92) जमात -उल -एहरार (अफगानिस्तान ) 
93) हिज़्ब उत -तहरीर (वर्ल्डवाइड कलिफाते ), 
94) हिज़्बुल मुजाहिदीन ( इंडिया), 
95) अंसार अल्लाह (यमन ), 
96) हौली लैंड फाउंडेशन फॉर रिलीफ एंड डेवलपमेंट (USA), 
97) जमात मुजाहिदीन (इंडिया ), 
98) जमाह अंशरूत तौहीद (इंडोनेशिया ), 
99) हिज़्बुत तहरीर (इंडोनेशिया ), 
100) फजर नुसंतरा मूवमेंट (इंडोनेशिया ), 
101) जेमाह इस्लामियाह (इंडोनेशिया ), 
102) जेमाह इस्लामियाह (फिलीपींस ), 
103) जेमाह इस्लामियाह (सिंगापुर ), 
104) जेमाह इस्लामियाह (थाईलैंड ), 
105) जेमाह इस्लामियाह (मलेशिया ), 
106) अंसार दीने (अफ्रीका ), 
107) ओस्बत अल -अंसार (पलेस्टाइन ), 
108) हिज़्ब उल -तहरीर (ग्रुप कनेक्टिंग इस्लामिक केलिफेट्स अक्रॉस द वर्ल्ड इनटू वन वर्ल्ड इस्लामिक केलिफेट्स )
109) आर्मी ऑफ़ द मेन ऑफ़ द नक्शबंदी आर्डर (इराक )
110) अल नुसरा फ्रंट (सीरिया ), 
111) अल -बदर (पाकिस्तान ), 
112) इस्लाम 4UK (UK), 
113) अल घुरबा (UK), 
114) कॉल टू सबमिशन (UK), 
115) इस्लामिक पथ (UK), 
116) लंदन स्कूल ऑफ़ शरीया (UK), 
117) मुस्लिम्स अगेंस्ट क्रुसडेस (UK), 
118) नीड 4Khilafah (UK), 
119) द शरिया प्रोजेक्ट (UK), 
120) द इस्लामिक दवाह एसोसिएशन (UK), 
121) द सवियर सेक्ट (UK), 
122) जमात उल -फुरकान (UK), 
123) मिनबर अंसार दीन (UK), 
124) अल -मुहाजिरों (UK) (Lee Rigby, लंदन 2017 मेंबर्स ), 
125) इस्लामिक कौंसिल ऑफ़ ब्रिटैन (UK) (नॉट टू बी कन्फ्यूज्ड विद ओफ़फिशिअल मुस्लिम कौंसिल ऑफ़ ब्रिटैन ), 
126) अहलुस सुन्नाह वल जमाह (UK), 
128) अल -गामा'अ (Egypt ), 
129) अल -इस्लामियया (Egypt), 
130) आर्म्ड इस्लामिक मेन ऑफ़ (अल्जीरिया ), 
131) सलाफिस्ट ग्रुप फॉर कॉल एंड कॉम्बैट (अल्जीरिया ), 
132) अन्सारु (अल्जीरिया ), 
133) अंसार -अल -शरीया (लीबिया ), 
134) अल इत्तिहाद अल इस्लामिआ (सोमालिया ), 
135) अंसार अल -शरीया (तुनिशिया ), 
136) शबब (अफ्रीका ), 
137) अल -अक़्सा फाउंडेशन (जर्मनी )
138) अल -अक़्सा मार्टियर्स' ब्रिगेड्स (पलेस्टाइन ), 
139) अबू सय्याफ (फिलीपींस ), 
140) अदेन-अबयान इस्लामिक आर्मी (यमन ), 
141) अजनाद मिस्र (Egypt), 
142) अबू निदाल आर्गेनाइजेशन (पलेस्टाइन ), 
143) जमाह अंशरूत तौहीद (इंडोनेशिया )

कई लोग गलत तरीके से इस्लाम को बदनाम करते हैं ! ये ऊपर लिखे सारे इस्लामिक संगठन तो शांति की स्थापना में लगे हुए है ! *बस केवल आरएसएस ही ऐसा संगठन है जो पूरे विश्व में आतंकवाद फैलाता ह*ै, मतलब हद हैं मानसिक विकलांगता की।