Saturday, January 11, 2020

तस्लीमा नसरीन को सत्य घटनाओं

तस्लीमा नसरीन को सत्य घटनाओं पर आधारित जिस 'लज्जा' उपन्यास के कारण अपने वतन से निर्वासित होना पड़ा, उसका यह अंश जरूर पढ़ें, और फिर CAA पर अपनी राय तय करें...

बेटियों के बलात्कारियों से जब माँ ने कहा "अब्दुल अली, एक-एक करके करो,,, नहीं तो वो मर जाएंगी "।

यह सच्ची घटना घटित हुई थी 8 अक्टूबर 2001 को बांग्लादेश में।

अनिल चंद्र और उनका परिवार 2 बेटियों 14 वर्षीय पूर्णिमा व 6 वर्षीय छोटी बेटी के साथ बांग्लादेश के सिराजगंज में रहता था। उनके पास जीने, खाने और रहने के लिए पर्याप्त जमीन थी।

बस एक गलती उनसे हो गयी, और ये गलती थी कि एक हिंदू होकर 14 साल व 6 साल की बेटी के साथ बांग्लादेश में रहना। एक क़ाफिर के पास इतनी जमीन कैसे रह सकती है..? यही सवाल था बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिद ज़िया के पार्टी से सम्बंधित कुछ उन्मादी लोगों का।

8 अक्टूबर के दिन..

अब्दुल अली, अल्ताफ हुसैन, हुसैन अली, अब्दुर रउफ, यासीन अली, लिटन शेख और 5 अन्य लोगों ने अनिल चंद्र के घर पर धावा बोल दिया, अनिल चंद्र को मारकर डंडो से बाँध दिया, और उनको काफ़िर कहकर गालियां देने लगे।
 
इसके बाद ये शैतान माँ के सामने ही उस 14 साल की निर्दोष बच्ची पर टूट पड़े और उस वक्त जो शब्द उस बेबस व लाचार मां के मुँह से निकले वो पूरी इंसानियत को झंकझोर देने वाले हैं।

अपनी बेटी के साथ होते इस अत्याचार को देखकर उसने कहा "अब्दुल अली,, एक एक करके करो, नहीं तो मर जाएगी, वो सिर्फ 14 साल की है।"

वो यहीं नहीं रुके,,उन माँ बाप के सामने उनकी छोटी 6 वर्षीय बेटी का भी सभी ने मिलकर ब#लात्कार किया ....उनलोगों को वहीं मरने के लिए छोडकर जाते जाते आस पड़ौस के लोगों को धमकी देकर गए की कोई इनकी मदद नहीं करेगा।

ये पूरी घटना बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन ने भी अपनी किताब “लज्जा” में लिखी, जिसके बाद से उनको अपना ही देश छोड़ना पड़ा। ये पूरी घटना इतनी हैवानियत से भरी है परन्तु आज तक भारत में किसी बुद्धिजीवी ने इसके खिलाफ बोलने की हैसियत तक नहीं दिखाई है, ना ही किसी मीडिया हाउस ने इसपर कोई कार्यक्रम करने की हिम्मत जुटाई है।

ये होता है किसी इस्लामिक देश में हिन्दू या कोई अन्य अल्पसंख्यक होने का, चाहे वो बांग्लादेश हो या पाकिस्तान।

पता नहीं कितनी पूर्णिमाओं की ऐसी आहुति दी गयी होगी बांग्लादेश में हिंदुओं की जनसँख्या को 22 प्रतिशत से 8 प्रतिशत और पाकिस्तान में 15 प्रतिशत से 1 प्रतिशत पहुँचाने में।

और हिंदुस्तान में जावेद अख्तर, आमिर खान, नसीरुद्दीन शाह व हामिद अंसारी जैसे हरामखोर लोग कहते है कि हमें डर लगता है,,, जहाँ उनकी आबादी आज़ादी के बाद से लगातार बढ़ रही है।

अगर आप भी सेक्युलर हिंदु (स्वघोषित बुद्धिजीवी) हैं और आपको भी लगता है कि भारत में अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं,, तो कभी बांग्लादेश या पाकिस्तान की किसी पूर्णिमा को इन्टरनेट पर ढूंढ कर देखिये !!!

मूर्खतापूर्ण ढंग से केवल संविधान की दुहाई देते हुए रूदाली रूदन करने की बजाय इन लोगों के बारे में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की राय भी पढियेगा। 

मर्जी आपकी ! 👏

क्या यह वाकई CAA NRC का विरोध था या कुछ और षड्यंत्र का ज़हर है



#Avinash

various Posters / Banners that we have seen in so called CAA-NRC protests.

01. I am B'aba'ri.
02. 'ब्राह्मण'वाद' का नाश करेंगे
03. F'uck OM H'indut'va (ॐ was drawn like Nazi symbol).
04. M'osqu'e instead of Ashok Chakra in Tricolor.
05. Slogan, "There is no God but A'lla h" instead of Ashok Chakra
06. Boycott B'rahmin patriarchy.
07. Orange is "Lotus" (s), New Black "Swastika" (s)
08. Brahmi'nic Terrorism Down Down
09. Modi POTTY khaley
10. Bolo Pencil Modi Tera Naam Cancel
11. Modi Tatti खा 
12. मैं Protest क्यों छोडूं MODI-SHAH is लोड़ू
13. Are You Still V'irgin, Me Too, Lets F'uck the Government.
14. Hitler Isn't Dead, He Rule 'India' Now
15. Chai Wale Teri Chai Unsecular Hai
16. ERROR 404 'HINDU RASHTRA" Not Found
17. No M'usli ms = No Biryani
18. Swacch Bharat Karne Nikle The Lekin Pure Desh Mein Hag Diya
19. Free 'Kashmir'
20. My documents stolen by thief who stole 'Rafale' file
21. 'Kashmir Azad' karo
22. My Documents Burned In Gujarat 2002 - Sorry
23. गू खाया है तो कुछ सोंच समझ कर ही खाया होगा - अंधभक्त 
24. गाय नहीं न्याय चाहिए
25. RSS T'erroris'ts Go-Back
26. A Cow A'te My Documents So I A'te The Cow.
27. "मु'सल'मान हमारा भाई है, ब्राह्म'ण साला क'साई है".

Do you actually think they are actually CAA-NRC protests ?

Friday, January 10, 2020

पूरी दुनिया को मुसलमान बनाने के लिए कितने संगठन कार्य कर रहे हैं !


 1) अल -शबाब (अफ्रीका ), 
2) अल मुराबितुंन (अफ्रीका ), 
3) अल -कायदा (अफगानिस्तान ), 
4) अल -क़ाएदा (इस्लामिक मघरेब ), 
5) अल -क़ाएदा (इंडियन सबकॉन्टिनेंट ), 
6) अल -क़ाएदा (अरेबियन पेनिनसुला ),
7) हमास (पलेस्टाइन ), 
8) पलिस्तीनियन इस्लामिक जिहाद (पलेस्टाइन ), 
9) पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ़ (पलेस्टाइन ), 
10) हेज़बोल्ला (लेबनान ), 
11) अंसार अल -शरीया -बेनग़ाज़ी (लेबनान ), 
12) असबात अल -अंसार (लेबनान ), 
13) ISIS (इराक ), 
14) ISIS (सीरिया ),
15) ISIS (कवकस )
16) ISIS (लीबिया )
17) ISIS (यमन )
18) ISIS (अल्जीरिया ), 
19) ISIS (फिलीपींस )
20) जुन्द अल -शाम (अफगानिस्तान ), 
21) मौराबितौं (लेबनान ), 
22) अलअब्दुल्लाह अज़्ज़म ब्रिगेड्स (लेबनान ), 
23) अल -इतिहाद अल -इस्लामिया (सोमालिया ), 
24) अल -हरमैन फाउंडेशन (सऊदी अरबिया ), 
25) अंसार -अल -शरीया (मोरोक्को ),
26) मोरोक्को मुदजादिने (मोरक्को ), 
27) सलफीआ जिहदिआ (मोरक्को ), 
28) बोको हराम (अफ्रीका ), 
29) इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ (उज़्बेकिस्तान ), 
30) इस्लामिक जिहाद यूनियन (उज़्बेकिस्तान ), 
31) इस्लामिक जिहाद यूनियन (जर्मनी ), 
32) DRW True -रिलिजन (जर्मनी )
33) फजर नुसंतरा मूवमेंट (जर्मनी )
34) DIK हिल्देशियम (जर्मनी )
35) जैश -ए -मुहम्मद (कश्मीर ), 
36) जैश अल -मुहाजिरीन वल -अंसार (सीरिया ), 
37) पॉपुलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ़ पलेस्टाइन (सीरिया ), 
38) जमात अल दावा अल क़ुरान (अफगानिस्तान ), 
39) जुंदल्लाह (ईरान )
40) क़ुद्स फाॅर्स (ईरान )
41) Kata'ib हेज़बोल्लाह (इराक ), 
42) अल -इतिहाद अल -इस्लामिया (सोमालिया ), 
43) Egyptian इस्लामिक जिहाद (Egypt ), 
44) जुन्द अल -शाम (जॉर्डन )
45) फजर नुसंतरा मूवमेंट (ऑस्ट्रेला )
46) सोसाइटी ऑफ़ द रिवाइवल ऑफ़ इस्लामिक हेरिटेज (टेरर फंडिंग , वर्ल्डवाइड ऑफिसेस )
47) तालिबान (अफगानिस्तान ), 
48) तालिबान (पाकिस्तान ), 
49) तहरीक -i-तालिबान (पाकिस्तान ), 
50) आर्मी ऑफ़ इस्लाम (सीरिया ), 
51) इस्लामिक मूवमेंट (इजराइल )
52) अंसार अल शरीया (तुनिशिया ), 
53) मुजाहिदीन शूरा कौंसिल इन द एनवीरोंस ऑफ़ (जेरूसलम ), 
54) लिबयान इस्लामिक फाइटिंग ग्रुप (लीबिया ), 
55) मूवमेंट फॉर वेनेस्स एंड जिहाद इन (वेस्ट अफ्रीका ), 
56) पलिस्तीनियन इस्लामिक जिहाद (पलेस्टाइन )
57) तेव्हीद-सेलम (अल -क़ुद्स आर्मी )
58) मोरक्कन इस्लामिक कोंबटेंट ग्रुप (मोररोको ), 
59) काकेशस अमीरात (रूस ), 
60) दुख्तरान -ए -मिल्लत फेमिनिस्ट इस्लामिस्ट्स (इंडिया ),
61) इंडियन मुजाहिदीन (इंडिया ), 
62) जमात -उल -मुजाहिदीन (इंडिया )
63) अंसार अल -इस्लाम (इंडिया )
64) स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ (इंडिया ), 
65) हरकत मुजाहिदीन (इंडिया ), 
66) हिज़्बुल मुझेडीन (इंडिया )
67) लश्कर ए इस्लाम (इंडिया )
68) जुन्द अल -खिलाफह (अल्जीरिया ), 
69) तुर्किस्तान इस्लामिक पार्टी ,
70) Egyptian इस्लामिक जिहाद (Egypt),
71) ग्रेट ईस्टर्न इस्लामिक रेडर्स' फ्रंट (तुर्की),
72) हरकत -उल -जिहाद अल -इस्लामी (पाकिस्तान ),
73) तहरीक -ए -नफ़ज़ -ए -शरीअत -ए -मोहम्मदी (पाकिस्तान ), 
74) लश्कर ए तोइबा (पाकिस्तान )
75) लश्कर ए झांगवी (पाकिस्तान )
76) अहले सुन्नत वल जमात (पाकिस्तान ),
77) जमात उल -एहरार (पाकिस्तान ), 
78) हरकत -उल -मुजाहिदीन (पाकिस्तान ), 
79) जमात उल -फुरकान (पाकिस्तान ), 
80) हरकत -उल -मुजाहिदीन (सीरिया ), 
81) अंसार अल -दिन फ्रंट (सीरिया ), 
82) जब्हत फ़तेह अल -शाम (सीरिया ), 
83) जमाह अन्शोरूट दौलाह (सीरिया ), 
84) नौर अल -दिन अल -ज़ेन्कि मूवमेंट (सीरिया ),
85) लिवा अल -हक़्क़ (सीरिया ), 
86) अल -तौहीद ब्रिगेड (सीरिया ), 
87) जुन्द अल -अक़्सा (सीरिया ), 
88) अल -तौहीद ब्रिगेड (सीरिया ), 
89) यरमूक मार्टियर्स ब्रिगेड (सीरिया ), 
90) खालिद इब्न अल -वालिद आर्मी (सीरिया ), 
91) हिज़्ब -ए इस्लामी गुलबुद्दीन (अफगानिस्तान ), 
92) जमात -उल -एहरार (अफगानिस्तान ) 
93) हिज़्ब उत -तहरीर (वर्ल्डवाइड कलिफाते ), 
94) हिज़्बुल मुजाहिदीन ( इंडिया), 
95) अंसार अल्लाह (यमन ), 
96) हौली लैंड फाउंडेशन फॉर रिलीफ एंड डेवलपमेंट (USA), 
97) जमात मुजाहिदीन (इंडिया ), 
98) जमाह अंशरूत तौहीद (इंडोनेशिया ), 
99) हिज़्बुत तहरीर (इंडोनेशिया ), 
100) फजर नुसंतरा मूवमेंट (इंडोनेशिया ), 
101) जेमाह इस्लामियाह (इंडोनेशिया ), 
102) जेमाह इस्लामियाह (फिलीपींस ), 
103) जेमाह इस्लामियाह (सिंगापुर ), 
104) जेमाह इस्लामियाह (थाईलैंड ), 
105) जेमाह इस्लामियाह (मलेशिया ), 
106) अंसार दीने (अफ्रीका ), 
107) ओस्बत अल -अंसार (पलेस्टाइन ), 
108) हिज़्ब उल -तहरीर (ग्रुप कनेक्टिंग इस्लामिक केलिफेट्स अक्रॉस द वर्ल्ड इनटू वन वर्ल्ड इस्लामिक केलिफेट्स )
109) आर्मी ऑफ़ द मेन ऑफ़ द नक्शबंदी आर्डर (इराक )
110) अल नुसरा फ्रंट (सीरिया ), 
111) अल -बदर (पाकिस्तान ), 
112) इस्लाम 4UK (UK), 
113) अल घुरबा (UK), 
114) कॉल टू सबमिशन (UK), 
115) इस्लामिक पथ (UK), 
116) लंदन स्कूल ऑफ़ शरीया (UK), 
117) मुस्लिम्स अगेंस्ट क्रुसडेस (UK), 
118) नीड 4Khilafah (UK), 
119) द शरिया प्रोजेक्ट (UK), 
120) द इस्लामिक दवाह एसोसिएशन (UK), 
121) द सवियर सेक्ट (UK), 
122) जमात उल -फुरकान (UK), 
123) मिनबर अंसार दीन (UK), 
124) अल -मुहाजिरों (UK) (Lee Rigby, लंदन 2017 मेंबर्स ), 
125) इस्लामिक कौंसिल ऑफ़ ब्रिटैन (UK) (नॉट टू बी कन्फ्यूज्ड विद ओफ़फिशिअल मुस्लिम कौंसिल ऑफ़ ब्रिटैन ), 
126) अहलुस सुन्नाह वल जमाह (UK), 
128) अल -गामा'अ (Egypt ), 
129) अल -इस्लामियया (Egypt), 
130) आर्म्ड इस्लामिक मेन ऑफ़ (अल्जीरिया ), 
131) सलाफिस्ट ग्रुप फॉर कॉल एंड कॉम्बैट (अल्जीरिया ), 
132) अन्सारु (अल्जीरिया ), 
133) अंसार -अल -शरीया (लीबिया ), 
134) अल इत्तिहाद अल इस्लामिआ (सोमालिया ), 
135) अंसार अल -शरीया (तुनिशिया ), 
136) शबब (अफ्रीका ), 
137) अल -अक़्सा फाउंडेशन (जर्मनी )
138) अल -अक़्सा मार्टियर्स' ब्रिगेड्स (पलेस्टाइन ), 
139) अबू सय्याफ (फिलीपींस ), 
140) अदेन-अबयान इस्लामिक आर्मी (यमन ), 
141) अजनाद मिस्र (Egypt), 
142) अबू निदाल आर्गेनाइजेशन (पलेस्टाइन ), 
143) जमाह अंशरूत तौहीद (इंडोनेशिया )
....

Thursday, January 9, 2020

कलियुग का पुनीत प्रताप!



कलि कर एक पुनीत प्रतापा। मानस पुन्य होहिं नहिं पापा।।
    कलियुग का एक पवित्र प्रताप यह है कि इसमें मानसिक पुण्य तो फलदायी होते हैं; परंतु मानसिक पापों का फल नहीं भोगना पड़ता।  'पुनीत प्रताप' वो इसलिए कि सतयुग, त्रेता व द्वापर युग में जीव को मानसिक पापों का फल भोगना पड़ता था जिसका छूट कलियुग में भरपूर है फिर भी मूढ़ जीव इस युग के पुनीत प्रताप 'मानसिक पुण्य' की ओर भी अग्रसर क्यों नहीं हो पा रहा?शायद वो इसलिए कि....
कलि केवल मल मूल मलीना। पाप पयोनिधि जन मन मीना।।
---यह मलिन कलियुग केवल मल का मूल है जिसके कारण उसका पुनीत प्रताप प्रभाव तिरोहित हो जाता है और लोगों के मन पापरूपी समुद्र में मछली की भाँति मग्न रहते हैं और भला मछली जल से कब उपरत रहना चाहेगी। इसीलिए यदि मानसिक पाप की माफी न होती तब तो इस कलिकाल में जीव का उद्धार होना कितना मुश्किल हो जाता?
बस सोच बदल दिया जाय तो वही मन रूपी मछली पापरूपी समुद्र में मग्न रहने के वजाय 'श्रीरामभक्ति रूपी अथाह जलराशि में निमग्न रहेगी और कभी विलग नहीं होगी' जैसा कि दृढ़ निश्चयाभक्ति वाले श्री भुशुण्डि जी महाराज मानस में लोमश जी के समक्ष अपनी बात कहने में तनिक भी नहीं सकुचाते....
राम भगति जल मम मन मीना। किमि बिलगाइ मुनीस प्रबीना।।
    श्रीमद्भागवत पुराण के प्रथम स्कंध में कलियुग के प्रसंग में श्री सूत जी ने भी कहा है...
नानुद्वेष्टि  कलिं  सम्राट्  सारङ्ग  इव सारभुक्।
कुशलान्यासु सिद्ध्यन्ति नेतराणि कृतानि यत्।।
    'भ्रमर के समान सारग्राही सम्राट परीक्षित् कलियुग से द्वेष नहीं करते थे; क्योंकि कलियुग का एक बड़ा भारी गुण यह है कि इसमें पुण्यकर्म तो मन के संकल्प मात्र से ही फल देनेवाले हो जाते हैं, परंतु पापकर्म संकल्पमात्र से फल नहीं देते। उनका प्रतिफल तो शरीर से करने पर ही मिलता है।'
      महात्मा तुलसीदास जी ने इस कलियुग में जीव के उद्धार का कितना सहज मार्ग बताया है......
कलियुग केवल नाम अधारा।सुमिरि सुमिरि नर उतरहिं पारा।।
×××××××××××××××××××××××××××××××××××××
कलिजुग केवल हरि गुन गाहा। गावत नर पावहिं भव थाहा।।

तो हम सब श्रीरामचरितमानस में  काकभुशुण्डि जी द्वारा निर्देशित  बात को क्यों नहीं मानते...
    कहु खगेस अस कवन अभागी। खरी सेव सुरधेनुहिं त्यागी।।
अर्थात् हे खगेश!(गरुड़ जी) बतलाइये ऐसा कौन अभागा है जो कामधेनु को छोड़कर खरी(गधी) को पालता है? सारांशतः बात यही है कि इस 'पुनीत प्रताप' वाले कलिकाल में मानस-पुण्य का उपार्जन छोड़ मानस-पाप में रमण करना कामधेनु को छोड़कर गधी पालने जैसा ही है।
      कलियुग में मानसिक पाप नहीं लगता , इसका यह अभिप्राय नहीं कि सदा मानसिक पापों में रत रहा जाय। मानसिक पाप नहीं लगते, इस विचार से मनुष्य पापों में मन लगावेगा उसके समान मूर्ख कौन होगा! तो 'सत्य, क्षमा, दया,दान,परोपकार आदि सद्गुणों का बारम्बार चिंतन करना, मन में अपने इष्टदेव का ध्यान,उनका स्मरण और जप का निरंतर अभ्यास इससे बड़ा मानसिक पुण्य और क्या होगा, जिससे मनुष्य का निश्चित ही कल्याण होना है।
सुप्रभातं
सुमंगलं
सीताराम जय सीताराम
सीताराम जय सियाराम!!!

Sunday, January 5, 2020

भारत के भूतपूर्व एवं वर्तमान राष्ट्रपति || India's past and present President


सिक्ख इतिहास प्रश्नोत्तरी:-


1. दस गुरु साहिबानों के नाम तरतीब वार लिखें
गुरु नानक देव जी (1469-1539)
गुरु अंगद देव जी (1504-1552)
गुरु अमर दास जी (1479-1574)
गुरु राम दास जी (1534-1581)
गुरु अरजन देव जी (1563-1606)
गुरु हरगोबिंद जी (1595-1644)
गुरु हरिराय जी (1630-1661)
गुरु हरिकृष्ण जी (1656-1664)
गुरु तेगबहादुर जी (1621-1675)
गुरु गोबिंद सिंह जी (1666-1708)

2. उन दो साहिबजादों के नाम बताईये जिन्हें जिन्दा नीवों में चिनवा दिया गया था
बाबा फ़तेह सिंह जी
बाबा जोरावर सिंह जी

3. उन दो साहिबजादों के नाम बताईये जो चमकोर की लड़ाई में शहीद हुए थे
बाबा अजीत सिंह जी
बाबा जुझार सिंह जी

4. सिक्ख पंथ के पहले पांच प्यारों के नाम बताईये
भाई दया सिंह जी
भाई धरम सिंह जी
भाई हिम्मत सिंह जी
भाई मोहकम सिंह जी
भाई साहिब सिंह जी

5. सिक्ख धर्म के पांच ककारों के नाम बताईये
केस
कंघा
किरपान
कड़ा
कछिहरा

6. खालसे के धरम पिता कौन हैं
गुरु गोबिंद सिंह जी

7. खालसे की धरम माता कौन हैं
माता साहिब कौर जी

8. खालसा पंथ की नींव कहाँ रखी गयी थी
आनंदपुर साहिब

9. जब सिक्ख आपस में मिलते हैं तो क्या कह कर एक दुसरे को संबोधित करते हैं
वाहेगुरु जी का खालसा
वाहेगुरु जी की फ़तेह

10. जैकारा क्या है
बोले सो  निहाल
सति श्री अकाल

11. ‘सिक्ख’ शब्द से आप क्या समझते हैं
शिष्य (सीखने वाला)

12. पांच तख्तों के नाम बताईये
श्री अकाल तख़्त साहिब, अंमृतसर, पंजाब
श्री हरिमंदिर साहिब, पटना, बिहार (पटना साहिब)
श्री केसगढ़ साहिब, आनंदपुर, पंजाब (आनंदपुर साहिब)
श्री हजूर साहिब, नांदेड़, महाराष्ट्र
श्री दमदमा साहिब, तलवंडी साबो, बठिंडा, पंजाब  

13. गुरमुखी लिपि पड़ाना सबसे पहले किसने शुरू किया था
गुरु अंगद देव जी

14. ‘गुरु का लंगर’ की प्रथा सबसे पहले किस ने शुरू की थी
गुरु अमरदास जी

15. आदि श्री गुरु ग्रन्थ साहिब (पोथी साहिब) सबसे पहले किसने लिखी थी
गुरु अरजन देव जी

16. श्री हरिमंदिर साहिब अंमृतसर में श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी का प्रकाश सबसे पहले कब हुआ था
सन 1604 में

17. श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी के पहले ग्रंथी कौन थे
बाबा बुड्डा जी

18. श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी के कितने अंग (पन्ने) हैं
1430

19. श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी में कितने गुरुओं की बाणी दर्ज है
कुल 6 गुरुओं की : पहले पांच एवं नोवें गुरु जी की

20. किस गुरु को ‘शहीदों के सरताज’ भी कहा जाता है
गुरु अरजन देव जी

21. किस गुरु को ‘मीरी-पीरी के मालिक’ भी कहा जाता है
गुरु हरिगोबिंद जी

22. किस गुरु का सिर धड से अलग किया गया था
गुरु तेगबहादुर जी
23. किस गुरु को ‘हिन्द-दी-चादर’ भी कहा जाता है
गुरु तेगबहादुर जी

24. सिमरन कैसे होता है
सर्वशक्तिमान सर्वव्यापक अकालपुरख को याद करना

25. सिक्ख धरम में शादी को क्या कहते हैं
आनन्द कारज

26. गुरु नानक देव जी की यात्राओं को क्या कहा जाता है
उदासी

27. गुरु नानक देव जी के साथ रबाब कौन बजाता था
भाई मरदाना जी

28. उस गुरुद्वारे का नाम बताईये जहाँ वली कंधारी का अहंकार टुटा था
पंजा साहिब

29. गुरु नानक देव जी कहाँ एवं कब ज्योति ज्योत समाये थे
1539, करतार पुर

30. गुरु अंगद देव जी का पहला नाम क्या था
भाई लहणा जी

31. गुरु अमरदास जी ने गुरु अंगद देव जी की सेवा कितने समय तक की
12 वर्ष

32. उस नदी का नाम बताईये जहाँ से गुरु अमरदास जी रोज पैदल जा कर गुरु अंगद देव जी के लिए पानी भर के लाया करते थे
ब्यास नदी

33. ‘मसंद’ प्रचारक किसने शुरू किये थे
गुरु अमरदास जी

34. गुरु अरजन देव जी के पुत्र का नाम बताईये
हरगोबिंद जी

35. गुरु रामदास जी का पहला नाम क्या था
भाई जेठा जी

36. वहां कौन सा गुरुदवारा है जहाँ गुरु अरजन देव जी को शहीद किया गया था
डेरा साहिब लाहौर

37. गुरु हरिगोबिंद जी को कैदी की तरह क्या रखा गया था
ग्वालियर का किला

38. गुरु हरिगोबिंद जी को जब रिहा किया गया तब उनके साथ उनका चोला पकड़ के और कितने राजाओं को रिहा किया गया था
52 राजा

39. गुरु हरगोबिंद जी ने दो तलवारें धारण की थी, उनके नाम बताओ
मीरी पीरी

40. अकाल तख़्त की स्थापना किसने की थी
गुरु हरिगोबिंद जी

41. गुरु हरिगोबिंद जी को जपुजी साहिब के पाठ का शुद्ध उच्चारण किसने सुनाया था
भाई गोपाला जी
42. बाबा बुड्डा जी ने कितने गुरुओं की सेवा की
6
43. ओरंगजेब को गुरबाणी गलत पढ़ कर सुनाने के लिये किसे सजा मिली थी
राम राय, गुरु हरि राय जी के पुत्र  
44. गुरु हरि कृष्ण जी की कितनी उम्र थी जब उनको गुरुगद्दी मिली थी
5 साल
45. मिर्जा राजा जय सिंह के बंगले पर अब कौन सा गुरुद्वारा है जहाँ गुरु हरि कृष्ण जी ठहरे थे जब वह दिल्ली आये थे
गुरुद्वारा बंगला साहिब
46. गुरु हरि कृष्ण जी की कितनी उम्र थी जब वह ज्योति ज्योत समाये थे
8 साल
47. जहाँ गुरु हरि कृष्ण जी का अंतिम संस्कार हुआ वहां अब कौन सा गुरुद्वारा है
गुरुद्वारा बाला साहिब
48. गुरु हरि कृष्ण जी के अंतिम शब्द क्या थे जब वह अगले गुरु जी के बारे में बता रहे थे
‘बाबा बकाले’ इसका मतलब है की अगले गुरु बकाला नाम के गावं में मिलेंगे
49. सोढ़ी परिवार के कितने लोग अपने आप को गुरु कहते हुए बकाला में मिले
22
50. बकाला में गुरु तेगबहादुर जी को ढूंड कर दुनिया के सामने लाने वाले व्यक्ति कौन थे
भाई मक्खन शाह लुबाना
51. गुरु तेगबहादुर जी की पत्नी का क्या नाम था
माता गुजरी जी
52. गुरु तेगबहादुर जी के साथ शहीद होने वाले तीन सिक्ख कौन थे
भाई मती दास जी
भाई सती दास जी
भाई दयाला जी
 
53. गुरु तेगबहादुर जी के साथ शहीद होने वाले तीन सिक्खों को कैसे शहीद किया गया था
भाई मती दास जी (आरी से काट के शहीद किया गया)
भाई सती दास जी (रुई में लपेट कर आग लगा दी गई)
भाई दयाला जी (गर्म पानी में उबाला गया)
54. किसके नेतृत्व में 500 कश्मीरी पंडित गुरु तेगबहादुर जी के पास मदद मांगने के लिये आये थे
पंडित कृपा राम (जो की बाद में गुरु गोबिंद सिंह जी के संस्कृत के गुरु भी बने एवं फिर खालसा सजे  एवं अंत में चमकोर की लड़ाई में शहीद हो गए)
55. गोबिंद राय (गुरु गोबिंद सिंह जी की उस वक्त कितनी उम्र थी)
9 साल
56. जहाँ गुरु तेगबहादुर जी को शहीद किया गया वहां कौन सा गुरुद्वारा है
गुरुद्वारा सीस गंज, चांदनी चौंक दिल्ली
57. गुरु तेगबहादुर जी के शरीर का संस्कार किसने किया
भाई लक्खी शाह वणजारा
58. जहाँ गुरु तेगबहादुर जी के शरीर का संस्कार हुआ वहां कौन सा गुरुद्वारा है
गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब, दिल्ली
59. गुरु तेगबहादुर जी के सीस को आनंदपुर साहिब कौन ले के गया था
भाई जैता जी (भाई जीवन सिंह जी)
60. वहां कौन सा गुरुद्वारा है जहाँ श्री गुरु तेगबहादुर जी के सीस का संस्कार हुआ था
गुरुद्वारा सीस गंज साहिब, आनंदपुर
61. पीर बुद्धू शाह जी के कितने पुत्र थे और भंगानी के युद्ध में कितने शहीद हुए थे
4 पुत्र, भंगानी के युद्ध में 2 शहीद हुए
62. भंगानी के युद्ध में पीर बुद्धू शाह जी की सेवाओं के बदले में गुरु गोबिंद सिंह जी ने उन्हें क्या उपहार दिये थे
कंघा (कुछ टूटे हुए बालों सहित), किरपान एवं दस्तार
63. आनंदपुर की लड़ाई में शराब पिला कर मस्त किये हुए हाथी के साथ कौन से सिक्ख ने युद्ध किया था
भाई बच्चितर सिंह
64. आनंदपुर की लड़ाई के दौरान गंभीर रूप से घायल सिपाहियों को कौन पानी पिलाता था (इस बात की परवाह किये बिना की वो सिक्ख हैं या मुस्लिम)
भाई कन्हैया जी
65. माता गुजरी जी और दो छोटे साहिबजादों की खबर सिरहंद के नवाब को किसने दी थी
गंगू ब्राह्मण
66. चमकोर की लड़ाई के बाद गुरु गोबिंद सिंह जी नंगे पैर कौन से जंगलों में रहे
माछीवाड़ा
67. उन दो पठानों के नाम बताईये जिन्होंने गुरु गोबिंद सिंह जी को मुगलों से बचाया था
नबी खान और गनी खान
68. मुक्तसर की लड़ाई में शहीद होने वाले चालीस मुक्तों का नेतृत्व किसने किया था
भाई महा सिंह
69. अंमृतसर शहर के पांच सरोवरों के नाम बताईये
अंमृतसर
कौलसर
संतोखसर
बिबेकसर
रामसर
70. गुरु गोबिंद सिंह जी ने माधो दास को अमृत पान के बाद क्या नाम दिया
बंदा सिंह
71. बंदा सिंह ने पंजाब छोड़ने से पहले सिक्खों को क्या दिया
निशान साहिब एवं नगाड़ा
72. गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ का पहला जत्थेदार किसे बनाया था
बंदा सिंह
73. मिसल के समूह को क्या कहते थे
दल खालसा
74. पहले दल खालसा की स्थापना किसने की थी
नवाब कपूर सिंह
75. उस सिक्ख सिपाही का नाम बताईये जिसे सुल्तान उल कौम का ख़िताब मिला
जस्सा सिंह आहलूवालिया
76. दिल्ली की उस जगह का क्या नाम है जहाँ सरदार बघेल सिंह अपने 30,000 साथियों के साथ ठहरे थे
तीस हजारी
77. शेरे-ए-पंजाब का ख़िताब किसे प्राप्त है
महाराजा रणजीत सिंह
78. सरदार हरी सिंह नलवा ने कौन से प्रसिद्ध गुरुद्वारा की स्थापना की
गुरुद्वारा पंजा साहिब
79. मोदीखाना साखी कौन से गुरु जी से सम्बंधित है
गुरु नानक देव जी
80. सुखमनी साहिब के रचेता कौन है
गुरु अरजन देव जी
81. होला मोहल्ला का त्यौहार कौन से गुरु जी ने शुरू किया था
गुरु गोबिंद सिंह जी
82. गुरु गोबिंद सिंह जी के कौन से सिक्ख ने भंगानी की लड़ाई में अपना साथ दिया और अपने दो पुत्र भी शहीद करवाए
        पीर बुद्धू शाह
83. सिक्खों के कैलेन्डर का क्या नाम है
नानकशाही कैलेन्डर
84. नानकशाही कैलेन्डर सूर्य या चन्द्र किसकी गति के हिसाब से चलता है
सूर्य
85. नानकशाही कैलेन्डर का पहला वर्ष कौन सा है
          1469 (जब गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था)
86. भाई लालो जी के घर गुरु नानक देव जी ने किस का भिजवाया हुआ लंगर वापिस कर दिया था
मालिक भागो
87. गुरु नानक देव  जी और सिद्धों के बीच मुलाकात (सिद्ध गोस्ट) कहाँ पर हुआ था
                कैलाश पर्वत (सुमेर पर्वत)
88. माता खीवी जी कौन थी
                   माता खीवी जी गुरु अंगद देव जी की पत्नी थी और वह सिक्ख इतिहास की एकमात्र स्त्री हैं जिनका नाम गुरु ग्रन्थ साहिब में दर्ज है
89. अकाल तख़्त का क्या मतलब होता है
                     सर्वशक्तिमान, सर्वव्यापक,       अकाल पुरख का सिंहासन
90. गुरु तेग बहादुर जी को गुरु नानक देव जी की याद में एक बड़ा टीला कहां स्थापित मिला
          डुबरी, आसाम
91. किस मुग़ल बादशाह ने गुरु तेगबहादुर जी का सिर धड से अलग करने का हुक्म दिया था
                   औरंगजेब
92. गुरु गोबिंद सिंह जी को अपनी रक्षा के लिये पंज प्यारों ने किस किले को छोड़ने का आदेश दिया था
             चमकोर का किला
93. सुखमनी साहिब में कितनी अष्टपदीयां हैं
             24  
94. ‘सिंह’ शब्द से आप क्या समझते हैं
        शेर
95. कौर शब्द से आप क्या समझते हैं
               राजकुमारी
96. गुरु नानक देव जी संगल द्वीप मे किस से    मिले थे
            राजा शिव नाथ
97. गुरु अमरदास जी ने कौन सा शहर बसाया था, जहाँ वह गुरु बनने के बाद रुक गये थे
          गोइंदवाल
98. गुरु अरजन देव जी की पत्नी का क्या नाम था
               माता गंगा जी
99. श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में गुरबाणी कितने रागों में लिखी गयी है
                 31
100. श्री गुरु ग्रन्थ साहिब में मूल मंत्र कितनी बार आया है
                  33

Thursday, January 2, 2020

POOR BRAHMINS



It is amazing to see that how fiction can become truth in course of time!

Let's examine truth based on facts and real history. 

1. To start with, there is no SINGLE Brahmin God in Hinduism!

2. All Gods are from backward castes, dalits and tribals.

3. Brahmins never created the concept of Gods in Hinduism. 

4. There was not even a SINGLE Brahmin King that ruled India.

5. To be able to oppress others requires positions of power. Brahmins were teachers, scholars, priests, advisors but not rulers.

6. The Brahmin’s traditional occupation was that of temple priest (purohit), officiating religious functions. Their sole income was Biksha (alms) given by the land-lords (non-Brahmins).

7. And another section of Brahmins were teachers, that too without salary.

8. Vedic literature was mostly written by non-Brahmins! The most powerful of the dharma shaastra, that gives Brahmins a high status, is the Manusmriti written by Manu, a non-Brahmin.
Brahmin means a profession (Varna) - not a caste.

9. If the reading and writing of Sanskrit was confined to Brahmins then how do you have the tribal Valmiki composing Ramayana? Ved Vyas, who classified four vedas and wrote Mahabharata, was born to a fisher-woman.

10. Sanskrit was used mostly by non-Brahmin writers - there are very few scriptures in Sanskrit authored by Brahmins.

11. We consider the teachings of Ved Vyas, Vashishtha, Valmiki, Krishna, Rama, Agasthya, Vishwamitra, Shrunga, Gowthama, Buddha, Mahavira, Sai, Thiruvalluvar, Kabir, Vivekananda, Gandhi, Narayana guru etc as most valuable.

12. If none of them were Brahmins why cry out loudly that "Brahmins did not allow you to learn?" There are numerous works on bhakti by non-Brahmin bhakti saints.

13. Brahmins never prevented others from learning.

14. Brahmins were neither rich nor powerful at any point of time in history. Pick up any old Indian story book, you will see ‘Garib Brahmin’ (Poor Brahmin) quoted as a virtue. (Remember Kuchela-Krishna story?)

15. Though their profession was considered as highest stature of the society, the Brahmin ascetics' only way of survival was alms given by people.

16. The biggest contribution of Brahmins is sustaining the best language ever spoken in the earth - Sanskrit. If you learn English or Arab, you have commercial benefits.

17. Nobody ever promoted Sanskrit.
Without any benefits, Brahmins took up voluntary task of learning Sanskrit. Then, now you accuse them of monopoly in Sanskrit!

Besides, Brahmins were never , they were not Kings.. They didn't enjoy powers and wealth.. Naturally, they worked hard on gaining knowledge, led life of austerity.. So there is no question of exploitation by Brahmins.. 
When population of Brahmins range from just 2% in Tamilnadu to 12 %in Uttarakhand how can they dominate majority.. 

After reading all this can anyone blame Brahmins for anything !!

 👆Please forward and kill this virus of misinformation dividing the Society.

भारत को मोदी योगी नहीं विराथू चाहिये!

#विराथू
👉 जो काम अमेरिका फ्रांस भारत रूस कोई नहीं कर पाया...वो बर्मा के "विराथू" जी ने कर दिखाया...! !

👉 आज बर्मा में करोडो रुपये के बने मस्जिद वीरान पड़े हैं...क्यूंकि आज देश मे मुसलमान देखने को नहीं है... जो की वहां जाए और देखे मस्जिदों को...और जो है वहां, उसकी तबीयत से ठुकाई हो रही है...!
"विराथु" जिसके बाद ही लोग जान पाए कि ये महान इंसान कौन है...? ! और इन्होने क्या कर डाला है...? !

👉 क्या भारत को भी एक ऐसे आसीन "विराथू" की जरुरत है...? ! कौन इस सन्त की तरह भूमिका निभा सकता भारत मे...? ! मित्रो "आसीन विराथु" - वो भगवा संत जिसके नाम से काँपते हैं मुसलमान...!
"विराथु"...जी हाँ, बस ये शब्द ही काफी है म्यांमार में, इस शब्द को सुनकर मुस्लिमों में कंपकपी मच जाती है...!
  
👉 बर्मा के बौद्ध गुरु "विराथु जी" ने आखिर किस तरीके से मुस्लिम को भगाया या कमज़ोर किया समझो...!
जैसे मुसलमानों का '७८६' का नंबर लकी माना जाता है वैसे ही विराथु ने '"९६९"' का नंबर निकाला...और उन्होंने पुरे देश के लोगों से आह्वान किया...कि जो भी राष्ट्रभक्त बौद्ध है वो इस स्टीकर को अपने अपनी जगह पर लगायें...!
  
👉 इसके बाद टैक्सी चलाने वालों ने टैक्सी पर...
दूकान वालों ने दूकान पर...
इसको लगाना शुरू किया...
लेकिन "विराथु" का सन्देश साफ़ था...कि
हर (हम) बौद्ध अपनी सारी खरीदारी और व्यापार वहीँ करेंगे जहां ये स्टीकर लगा होगा...
किसी को टैक्सी में चढ़ना हो तो उसी टैक्सी में चढ़ेंगे जिसके ऊपर ये स्टीकर होगा...
उसी रेस्टोरेंट में खायेंगे जहां ये स्टीकर होगा...!

👉 उन्होंने ये भी कहा कि हो सकता है ऐसी हालत में मुस्लिम सऊदी से आये पैसों के दम पर अपने माल को कम कीमत पर बेच कर आपको आकर्षित करे...
लेकिन आप ध्यान रखना...
आप दो पैसा ज्यादा देना... और सोचना कि आपने अपने देश के लिए पैसा लगाया है...
 दो पैसे कम में खरीद कर मातृभूमि से गद्दारी मत करना... "वो आपके पैसे आपको ही मिटाने में लगाते हैं... मुर्खता मत करना...!"

👉 दोस्तों...हालत ये हो गए कि "मुस्लिम के व्यापार ठप्प पड़ गए... मुस्लिम इतने आतंकित हुए कि इस स्टीकर लगी टैक्सी को चढ़ना तो दूर... किनारे से कन्नी काटने लगे... पुरे देश में मुसलमानों के होश ठिकाने आ गए... और फिर ये स्टीकर एक तरह से देशभक्ति का प्रमाण बन गया... उनके जिहाद का जवाब बन गया... और इस अनोखे आईडिया का प्रभाव आप देख सकते हैं कि आज बर्मा से मुस्लिम भाग चुके हैं...!"
 
👉 "विराथु" वो संत हैं जिन्होंने आतंक के खिलाफ पूरे म्यांमार को खड़ा कर दिया गया और फिर वहां से लोगों ने अवैध मुस्लिमों को खदेड़ डाला...!

👉 लोग जो भगवान बुद्ध की बातों पर अमल करते आ रहे थे उन लोगों ने देश की रक्षा के लिए बुद्ध की बातों को छोड़ संत "विराथु" की बातों पर अमल किया...!

👉 "विराथु" ने कहा, "चाहे आप कितने भी दयावान और शांतिप्रिय हो पर आप एक पागल कुत्ते के साथ नहीं सो सकते अन्यथा आपकी शांति वहां कोई काम नहीं आएगी और आप बर्बरता से ख़त्म कर दिए जाओगे"
उन्होंने कहा, "शांति स्थापित करने के लिए हथियार उठाना होगा, शांति के लिए युद्ध जरुरी है।" ये सारी बातें "विराथु" ने गीता से ली और फिर आतंक की बीमारी झेल रहे म्यांमार के लोग एकजुट हो गए वो "विराथु" के लिए जान लेने और देने को तैयार हो गए और पूरे म्यांमार से अवैध मुसलमानो को खदेड़ा जाने लगा...!"
 
👉 विराथू के प्रवचनों को अगर कोई सुने तो उसे लग सकता है कि शांत स्वरों में मोक्षप्राप्ति की बात चल रही है...!!!!

👉 म्यांमार में हुई हिंसक घटनाओं के बाद से अब प्राय: पूरी दुनिया में बौद्धों और मुस्लिमों में भारी तनातनी पैदा हो गई है... जिनमें "अशीन विराथु" बौद्ध दुनिया के एक नायक एवं जेहादी दुनिया के लिए एक बड़े खलनायक बन कर उभरे हैं...। म्यांमार में हुए कई सर्वेक्षणों के बाद ये प्रमाणित हो चुका है कि जनता एवं बौद्ध भिक्षु विराथु" के साथ है...। "विराथु" का स्वयं भी कहना है कि वह न तो घृणा फैलाने में विश्वास रखते हैं और न हिंसा के समर्थक हैं। लेकिन हम कब तक मौन रहकर सारी हिंसा और अत्याचार को झेलते रह सकते हैं...?
 
👉 इसलिए वह अब पूरे देश में घूम-घूम कर भिक्षुओं तथा सामान्यजनों को उपदेश दे रहे हैं कि... "यदि हम आज कमजोर पड़े, तो अपने ही देश में हम शरणार्थी हो जाएंगे...।"
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