वे हैं-
01 - सौ. यशोदा गणेश सावरकर जी,
02 - सौ. यमुना विनायक सावरकर जी एवं
03 - सौ. शांता नारायण सावरकर जी।
इन साधारण प्रतीत होने वाली असाधारण नारियों ने प्रचंड विस्फोटक क्षमता युक्त बम अपने पेट से बांधकर स्वयं को गर्भवती होने का नाटक किया।
यह इतनी बडी जोखिम उठाकर उसी अवस्था में कोलकाता (तत्कालीन कलकत्ता) जाकर क्रांतिकारियों को सफलता पूर्वक वह बम पहुंचा दिया।
स्वातंत्र्यवीर श्री. विनायक दामोदर सावरकर जी को निरंतर दो बार आजन्म सश्रम (पचास वर्षीय) कारावास (काले पानी की) शिक्षा सुनाई जाने के बाद उनके परिवार की तीन महान देशभक्त क्रांतिकारी नारियों को क्रूर अंग्रेज अधिकारियों ने उनके अपने ही घर से निकाल दिया।
इन महान अद्वितीय क्रांतिकारी शूरवीर माताओं को मेरा सादर प्रणाम।
आज महिला दिन निमित्य उन्हें अभिवादन करना हम जैसे प्रत्येक भारतीय नागरिक का परम कर्तव्य है।
विनम्र अभिवादन।
सादर प्रणाम।
वंदे मातरम्।🚩
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