Monday, November 18, 2019

भारत मे आज भी है सती प्रथा।(महान भारत)

पतिव्रता पत्नियां पति के देह त्यागते ही स्वयं भी देह त्याग देती है। आजकल कम देखने सुनने को मिलता है पर पृथ्वी अभी सतियों से रिक्त नहीं हुई है। सती का अर्थ जैसा कि हम सोचते और सुनते हैं वैसा नहीं है।(william Bentick और Rammohan rai के संदर्भ से) , सती का अर्थ है जो पति के साथ ही स्वयं देह त्याग दे और देहों का एक साथ दहन हो।
विवाह के समय जो अग्नि साक्षी होती है ,वह अग्नि सदैव घर में निरंतर प्रजवलित रहती है और वही विवाह काल की अग्नि दोनी के देह को ग्रहण कर लेती है। विवाह contract नहीं पवित्र संबंध है जिसमे अग्नि सदैव विद्यमान रहती है इसलिए पत्नी को योषग्नि भी कहते है। आज फिर एक पवित्र उत्सर्ग हुआ , पोरसा,मध्य प्रदेश, के पण्डित जी का निधन कल शाम को हो गया था, आज सुबह जब उनको अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जारहा था तो उनकी धर्म पत्नी ने भी पति बियोग मैं प्राण त्याग दिये।। ऐसी सती सावित्री माता दिव्यात्मा को कोटि कोटि नमन।

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