''महादेव, महादेव महादेवेति यो वदेत्।
एकेन मुक्तिमाप्नोति द्वाभ्यां शंभु ऋणी भवेत।।''
जो पुरुष तीन बार महादेव, महादेव, महादेव इस तरह भगवान का नाम उच्चारण करता है, भगवन एक नाम से मुक्ति देकर शेष दो नाम से सदा के लिए उसके ऋणी हो जाते हैं।
महादेव महादेव महादेवेति कीर्तयेत्।।
उमायाः पतये चैव हिरण्यपतये सदा।। (-लिङ्गपुराण)
महादेव महादेव महादेवेति कीर्तनात्॥
कोटयो ब्रह्महत्यानामगम्यागमकोटयः।
सद्यः प्रलयमायांति महादेवेति कीर्तनात्॥ (-स्कन्दपुराण)
महादेव महादेव महादेवेति वादिनः।
पश्चाद्यामि महांस्त्रस्तो नाम श्रवण लोभतः॥ (-ब्रह्मवैवर्तपुराण)
श्रीकृष्ण कहते है महादेव! महादेव!! महादेव!!! इस प्रकार बोलने वाले पुरुष के पीछे-पीछे मै नाम श्रवण के लोभ से फिरता रहता हूँ।
महादेव महादेव महादेवेति कीर्तनात् ।
वत्सं गौरिव गौरीशो धावन्तमनुधावति ।।
महादेव! महादेव!! महादेव!!!
पुकार ने से शिव उसके पिछे ऐसे दौड़ते है, जैसे बछड़े के पीछे गाय
*🔱महादेव महादेव महादेव*🔱
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