Tuesday, October 29, 2019

#justiceforvijay

#justiceforvijay

आप लोग का ध्यान मुंबई पुलिस की एक बहोत शर्मनाक करतुत की तरफ खीच रहा हूं

दीवाली की रात 27th oct  को रात 11 बजे Vijay Singh ( working as MR in Pharma Company ) जो सायन कोलीवाड़ा का रहने वाला है ,अपने 2 cousins के साथ खाने के बाद टहलने के लिए और अपनी होने वाली बीवी से बात करने के लिए घर से कुछ दूर (वडाला ट्रक टर्मिनल ) आया.
जब उसने अपनी बाइक खड़ी की तो सामने एक couple जो वहा का लोकल था बैठा हुआ था और उनके ऊपर इसकी बाइक की लाइट चली गयी । लाइट चहरे पे जाने के बाद couple में से लड़के ने विजय सिंह को गाली दी और थोड़ी बहस चालू हो गयी । उसने अपने 2 दोस्तों को बुला लिया और बात आगे बढ़ गयी यहाँ तक कि हाथापाई पे आ गयी।

जब वहा पुलिस पहोंची तो लड़की ने बस ये बोल दिया कि ये तीनो लड़के( विजय और उसके cousin ) मुझे छेड़ रहे थे और पुलिस ने बिना किसी डिटेल्ड इन्क्वायरी के विजय ओर उसके दोस्तों को मारा । यहाँ तक कि उस वक्त भी लड़की और उसके साथ के लड़के ने इन तीनो पे हाथ उठाया ।

पुलिस मारते मारते विजय सिंह और उसके साथ वालो को पुलिस चौकी ले गयी और ले जा के तीनों को बिना किसी इन्क्वायरी के अलग अलग लॉकअप में डाल दिया । विजय सिंह को हाथ पैर से सीने पे भी मारा जब कि oppsite वालो को अच्छा खासा VIP treatment दिया गया । उनमे से एक लड़के ने पुलिस चौकी में ये तक कहा कि तुम लोग को इधर ही खत्म कर दूंगा लेकिन इसपे भी पुलिस की कोई प्रतिक्रिया नही दी।

2.30 बजे विजय सिंह ने पुलिस स्टाफ से कहा कि मुजे सीने में दर्द हो रहा है और पानी दे दो पीने के लिए लेकिन स्टाफ ने पानी नही दिया बल्कि जब विजय की माँ ने पानी देने की कोशिस की तो उसे भी डाटा। विजय का एक छोटा cousin (12 age) जब पानी देने गया तो उससे भी बहोत बुरा व्यवहार किया । घरवालो से भी बहोत गाली गलौच की  ।
विजय ने पुलिस स्टाफ से कहा कि अपने बेटे जैसा समझ के पानी पिला दो लेकिन इंसानियत मर चुकी थी इन लोगो में शायद।
विजय ने ये भी कहा कि मुजे घुटन सी हो रही है , पंखा चला सकते है क्या लेकिन फिर वही गली गलौज वाली भाषा 

जब वो बेहोश हो गया तो उसे lockup से बाहर निकाला गया और लिटाया गया ।
जब उसे घरवालो को सौपा गया तो विजय दम तोड़ चुका था

शायद आपको ये जान के और धक्का लगे कांस्टेबल ने ये कहा कि गाड़ी नही है हमारे पास , ola मार के जाओ 
विजय के पापा ने एक ola वाले को रिक्वेस्ट कर के जब गाड़ी रुकवायी तब उस ड्राइवर ने उसकी साँसे चेक कर के कहा कि यर मार चुका है ।आप शायद ही उसके बाप की  हालत समझ पाए

सवाल ये है की क्या सिर्फ उस लड़की का ही बयान मायने रखता है
बिना जुर्म साबित हुए पुलिस ने विजय ओर उसके भाइयो को क्यों मारा
पानी पिलाना जुर्म हो गया है क्या ।
एक बाप को उसके बेटे की लाश दे के ये कहना जरूरी है क्या की ola मार के जाओ ।

लोगो को टैग कर औरइसे share करे
 विजय को इंसाफ दिलाने की कोशिस करे।

इससे पहले भी wadala truck terminal police station का नाम कई कामो में बदनाम हो चुका है

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