Wednesday, June 12, 2019

स्थान: तक्षशिला रावलपिंडी पाकिस्तान।

ये खण्डर देख रहे हैं आप जिसपे कुछ लोग चढ़ के बेहूदगी कर रहे हैं, ये एक मन्दिर का खण्डर है।

ये तस्वीर बहुत कुछ कहती है, कि कैसे एक वहाबी विचारधारा किसी सभ्यता को लील जाती है, ये तस्वीर उसका उदाहरण है।

ये वही तक्षशिला है,जहां आचार्य चाणक्य अपनी नीतियां बनाते थे। ये वही तक्षशिला है, जहां ज्ञान लेने विदेशों से बच्चे आते थे। जब ज्ञान की नगरी के साथ ऐसा होता है तो दुख होता है, माँ सरस्वती का अपमान होता है, लेकिन वहाबी विचारधारा वालों को इससे क्या फर्क पड़ता है।

जो लोग हमें असहिष्णु कहते हैं, वो कभी भी इन लोगो की #असहिष्णुता पे मुँह नही खोलेंगे।

जिन नदियों, झीलों किनारे बैठ ऋषि मुनियों ने ज्ञान की गंगा बहाई, उस जगह का आज ये हाल देख के दुख होता है।

कैसे कबीलाई, लुटेरे, औऱ हिंसक प्रवत्ति के लोग सभ्यता को लील जाते है, ये तस्वीर वो सब बयान करती है।

ये दुनिया की सबसे प्राचीन #सभ्यता की हार का प्रतीक है। ये हमारे सदियों तक सुस्त पड़े रहने, सोते रहने का प्रतीक है।।
बात सही भी हैं, हम जात-पात, ऊंच नीच से बाहर निकलें तभी तो #हिन्दू बन पाएंगे ना।

ये तस्वीर हमारे हद से ज्यादा #उदार_रवैये की असफलता का प्रतीक है। साथ ही ये चित्र बेशर्मी की हद तक हमारे सिस्टम की नसों में घुसा दिए गए #सेक्युलरिज्म पे भी तमाचा हैं ।
अभी भी वक्त है, हम नींद से ना जागे तो हम बहुत कुछ खो सकते हैं।
#सोचिए_और_विचार_कीजिए

मै थोड़ा उल्टा सोचता हूँ ..

किसी ने कहा, ऑर्डिनेन्स लाकर राम मंदिर बनाओ,
किसी ने कहा, भाजपा राज्यसभा में बहुमत से आई तो राम मंदिर बनेगा...
मुझे नहीं लगता इसमें कोई खुश होने वाली बात है, क्योंकि यदि मंदिर बन भी गया तो २०-३० साल बाद तोड़ दिया जाएगा ।

मुसलमान संख्या उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न इलाको में ४०-५० प्रतिशत टच होते ही, आपकी उलटी गिनती शुरू हो जाएगी ।

यह मैं नहीं कह रहा , यह ट्रेंड कहता है, आकड़े कहते हैं, इतिहास कहता है, ग्लोबली बिहैवियर कहता है मुस्लिम कम्युनिटी का । जब आप और आपका "प्रोग्रेसिव " हिन्दू मित्र 'फैमिली प्लानिंग ' करके बढ़िया जीवन शैली के लिए मात्र 1 बच्चे पर रूकता है, तब सामान्यतः एक पढ़ा लिखा मुस्लिम , पंचर बनाने वाला अब्दुल और फल बेचने वाला बशीर 4-5 बच्चों तक तो जाता ही है । यदि आप सरकार से कुछ माँगना ही चाहते हैं तो जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग करे क्योंकि इसमें न तो कुछ कम्यूनल है और ये घटते संसाधनों के मद्देनजर जनसंख्या संतुलन की भांग दरअसल 'नेचर और मदर अर्थ ' के प्रति जिम्मेदारी हमारी भी है । ध्यान दीजिये जनसंख्या नियंत्रण हुआ तो ही मंदिर बचेंगे, पटरियाँ बचेंगी, फैक्ट्रियां बचेंगी, शिवाला बचेंगी, गाय बचेंगी और आपकी स्वतंत्रता बचेंगी । अन्यथा, आज जो हम मेट्रो बना रहे हैं कल को वो गजवा मुल्क के म्यूजियम में "हिन्दू काल के दौरान की मशीने" के नाम से शो केस की जायेगी । 40-50 प्रतिशत का ब्रैकेट क्रास करते ही डेमोक्रेसी जायेगी चुल्हे भाड़ में और मुस्लिम शासन की नजीर तैयार होगी । हजरतगंज लखनऊ में लाउडस्पीकर से ऐलान होगा कि सभी हिन्दू परिवार परेड करे । वहां नये कानून बताये जायेंगे.... बुर्कानशी हिन्दू औरते इस्लाम कबूल करेंगी , घरों के नीचे काला और हरा झंडा लिए 'अल्लाह हू अकबर ' का घोष करती हुई गाड़ियां निकल रही होंगी । उस दौर में खून खराबा इतना आसान नहीं होगा इसलिए आराम से धर्मांतरण होगा तुम्हारा । ये भविष्य की तस्वीर एकदम खरा है । ट्रेंड्स और स्टेटस पढ़ा करें , ग्राफ और चार्ट्स समझने की आदत डालिये । विश्व का इतिहास पढ़िये, कश्मीर, अफगान, ईरान, इराक आदि का इतिहास पढ़िये और आसपास के देशों में जो हो रहा है उससे अपने दिमाग के दरवाजे खोलने का प्रयास करें, राक्षस आपके दरवाजे पर खड़ा है लेकिन हिन्दू रजाई ओढ़ के आसमान के तारे देखने की गलतफहमी की मस्ती में है ।                                                    भावुक न हो, जाग जाये, बी रेशनल.... 5000 -10000 वर्षों पुरानी सभ्यता जो आज तक टिकी रही अपनी जनसंख्या भरोसे, वो अपने अंतिम पड़ाव में है, संधिकाल में है, दरकने को हैं, बस अगले 20 से 30 साल और....                                                 😨😨😨😱😱😱👽👽👽

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