Sunday, July 14, 2019

उत्तर प्रदेश की रितु हैं ISRO के चंद्रयान-2 की मिशन डायरेक्टर, जानें कहां से की है पढ़ाई

ISRO का मून मिशन चंद्रयान-2 रविवार और सोमवार यानी 14 और 15 जुलाई 2019 की रात करीब 2.51 बजे लॉन्च होने वाला है। यह देश के लिए गौरव का पल होगा। लेकिन उत्तर प्रदेश के लिए इन पलों की खुशी कुछ और ही होगी। क्योंकि इसरो के इस मून मिशन की लॉन्चिंग रितु करिधाल श्रीवास्तव के सुपरविजन में होगी जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ की रहने वाली हैं। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए रितु कभी आईआईटी के पीछे नहीं भागीं। हम आगे आपको बता रहे हैं कि रितु ने किस स्कूल और कॉलेज से पढ़ाई की है और किस सादगी से इसरो की सीनियर साइंटिस्ट तक का सफर तय किया है...

रितु कहती हैं, 'तारों ने मुझे हमेशा अपनी ओर आकर्षित किया। मैं हमाशा सोचा करती थी कि अंतरिक्ष के अंधेरे के उस पार क्या है। विज्ञान मेरे लिए विषय नहीं जुनून था।' रितु ने इसरो में कई अहम प्रोजेक्ट किए। वह मंगलयान की डिप्टी ऑपरेशन डायरेक्टर भी रह चुकी हैं और इस प्रोजेक्ट को सबसे बड़ी चुनौती मानती हैं।

रितु की पढ़ाई

रितु कारिधाल का पालन-पोषण लखनऊ के ही मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ है। उन्होंने नवयुग गर्ल्स कॉलेज से इंटर करने के बाद उच्च शिक्षा के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। यहां उन्होंने फिजिक्स से ग्रेजुएशन और फिर पोस्ट ग्रेजुएशन किया। इसके बाद रितु ने GATE पास कर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेस (IISc) बेंगलुरू में दाखिला लिया। यहां रितु ने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डिग्री ली।  
वर्ष 1997 में रितु इसरो से जुड़ीं। 

रितु का परिवार

इतना ही नहीं यूजी व पीजी के बाद रितु ने लखनऊ विश्वविद्यालय से ही फिजिक्स में पीएचडी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। उन्हें अपने ही विभाग में पढ़ाने का मौका भी मिला। लेकिन उन्हें पीएचडी करते हुए छह महीने ही हुए थे कि उन्होंने गेट (GATE) क्वालिफाई कर लिया। फिर एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर्स के लिए बेंगलुरू चली गईं।

रितु लखनऊ में राजाजीपुरम की रहने वाली हैं। माता-पिता का निधन हो चुका है। माता-पिता के बाद रितु ने ही अपने छोटे भाई-बहन का ख्याल रखा। रितु के दो बच्चे भी हैं जिनका वह अच्छी तरह ध्यान रखती हैं। भाई रोहित कहते हैं, हमें नाज है अपनी बहन पर। वह निजी जीवन में जितनी पारंपरिक है, काम के मामले में उतनी ही प्रोफेशनल। ज्यादा कुछ कहने से बेहतर है कि हम देश के इस मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना करें।

No comments: