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Saturday, January 30, 2016

Whatsapp Hindi messages (Eng,, Hindi,, Marathi,, Gujrati)

5 Star Massages


सुख और दुख
एक गुरु के दो शिष्य थे। दोनों किसान थे। वे नित्य भगवान की आराधना करते थे किंतु विडंबना यह थी कि उनमें एक सुखी था, तो दूसरा बहुत दुखी।
गुरु की मृत्यु पहले हुई और शिष्यों की बाद में। संयोग से स्वर्गलोक में तीनों को एक ही स्थान मिला। स्थिति यहाँ भी पहले जैसी थी। जो मृत्युलोक में सुखी था, वह वहाँ स्वर्ग में भी प्रसन्नता का अनुभव कर रहा था और जो पृथ्वी पर दुखी था, वह वहाँ भी अशांत दिखाई पड़ा।
यह देख दुखी शिष्य ने गुरु से कहा, ‘‘लोग कहते हैं कि ईश्वर-भक्ति से स्वर्ग में सुख मिलता है, पर हम तो यहां भी दुखी के दुखी ही रहे।’’
गुरु ने गंभीर होकर उत्तर दिया, ‘‘वत्स, भक्ति से स्वर्ग तो मिल सकता है, पर सुख और दु:ख मन की अवस्था है। मन मुक्त हो तो नरक में भी सुख है और मन मुक्त न हो तो स्वर्ग में भी कोई सुख नहीं है। जिसका मन जितना मुक्त है, वह उतना ही सुखी है।’’


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एक सेठ जी थे -
जिनके पास काफी दौलत थी.
सेठ जी ने अपनी बेटी की शादी एक बड़े घर में की थी.
परन्तु बेटी के भाग्य में सुख न होने के कारण उसका पति जुआरी, शराबी निकल गया.
जिससे सब धन समाप्त हो गया.

बेटी की यह हालत देखकर सेठानी जी रोज सेठ जी से कहती कि आप दुनिया की मदद करते हो,
मगर अपनी बेटी परेशानी में होते हुए उसकी मदद क्यों नहीं करते हो?

सेठ जी कहते कि
"जब उनका भाग्य उदय होगा तो अपने आप सब मदद करने को तैयार हो जायेंगे..."

एक दिन सेठ जी घर से बाहर गये थे कि, तभी उनका दामाद घर आ गया.
सास ने दामाद का आदर-सत्कार किया और बेटी की मदद करने का विचार उसके मन में आया कि क्यों न मोतीचूर के लड्डूओं में अर्शफिया रख दी जाये...

यह सोचकर सास ने लड्डूओ के बीच में अर्शफिया दबा कर रख दी और दामाद को टीका लगा कर विदा करते समय पांच किलों शुद्ध देशी घी के लड्डू, जिनमे अर्शफिया थी, दिये...

दामाद लड्डू लेकर घर से चला,
दामाद ने सोचा कि इतना वजन कौन लेकर जाये क्यों न यहीं मिठाई की दुकान पर बेच दिये जायें और दामाद ने वह लड्डुयों का पैकेट मिठाई वाले को बेच दिया और पैसे जेब में डालकर चला गया.

उधर सेठ जी बाहर से आये तो उन्होंने सोचा घर के लिये मिठाई की दुकान से मोतीचूर के लड्डू लेता चलू और सेठ जी ने दुकानदार से लड्डू मांगे...मिठाई वाले ने वही लड्डू का पैकेट सेठ जी को वापिस बेच दिया.

सेठ जी लड्डू लेकर घर आये.. सेठानी ने जब लड्डूओ का वही पैकेट देखा तो सेठानी ने लड्डू फोडकर देखे, अर्शफिया देख कर अपना माथा पीट लिया.
सेठानी ने सेठ जी को दामाद के आने से लेकर जाने तक और लड्डुओं में अर्शफिया छिपाने की बात कह डाली...

सेठ जी बोले कि भाग्यवान मैंनें पहले ही समझाया था कि अभी उनका भाग्य नहीं जागा...
देखा मोहरें ना तो दामाद के भाग्य में थी और न ही मिठाई वाले के भाग्य में...

इसलिये कहते हैं कि भाग्य से
ज्यादा
और...
समय
से पहले न किसी को कुछ मिला है और न मीलेगा!ईसी लिये ईशवर जितना दे उसी मै संतोष करो...
झूला जितना पीछे जाता है, उतना ही आगे आता है।एकदम बराबर।
सुख और दुख दोनों ही जीवन में बराबर आते हैं।

जिंदगी का झूला पीछे जाए, तो डरो मत, वह आगे भी आएगा।

बहुत ही खूबसूरत लाईनें.

.किसी की मजबूरियाँ पे न हँसिये,
कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नहीं लाता..!

डरिये वक़्त की मार से,बुरा वक़्त किसीको बताकर नही आता..!

अकल कितनी भी तेज ह़ो,नसीब के बिना नही जीत सकती..!
बीरबल अकलमंद होने के बावजूद,कभी बादशाह नही बन सका...!!

""ना तुम अपने आप को गले लगा सकते हो, ना ही तुम अपने कंधे पर सर रखकर रो सकते हो एक दूसरे के लिये जीने का नाम ही जिंदगी है!

इसलिये वक़्त उन्हें दो जो तुम्हे चाहते हों दिल से!

रिश्ते पैसो के मोहताज़ नहीं होते क्योकि कुछ रिश्ते मुनाफा नहीं देते पर जीवन अमीर जरूर बना देते है !!! "☝☝
SLM

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एक विदेशी महिला ने विवेकानंद से कहा - मैं आपसे शादी करना चाहती
हूँ"।
विवेकानंद ने पूछा- "क्यों देवी ? पर मैं तो ब्रह्मचारी
हूँ"।

महिला ने जवाब दिया -"क्योंकि मुझे आपके जैसा
ही एक पुत्र चाहिए, जो पूरी दुनिया में मेरा नाम रौशन करे और वो केवल आपसे शादी
करके ही मिल सकता है मुझे"।
विवेकानंद कहते हैं - "इसका और एक उपाय है"
विदेशी महिला पूछती है -"क्या"?

विवेकानंद ने मुस्कुराते हुए कहा -"आप मुझे ही अपना
पुत्र मान लीजिये और आप मेरी माँ बन जाइए ऐसे में आपको मेरे जैसा पुत्र भी मिल
जाएगा और मुझे अपना ब्रह्मचर्य भी नही तोड़ना
पड़ेगा"
महिला हतप्रभ होकर विवेकानंद को ताकने लगी
और रोने लग गयी,

ये होती है महान आत्माओ की विचार धारा ।

"पूरे समुंद्र का पानी भी एक जहाज को नहीं डुबा सकता, जब तक पानी को जहाज अन्दर न आने दे।

इसी तरह दुनिया का कोई भी नकारात्मक विचार आपको नीचे नहीं गिरा सकता, जब तक आप उसे अपने
अंदर आने की अनुमति न दें।"

"अंदाज़ कुछ अलग हैं मेरे सोचने का,,

सब को मंजिल का शौक है और मुझे रास्तों का...

ये दुनिया इसलिए बुरी नही के यहाँ बुरे लोग ज्यादा है।
बल्कि इसलिए बुरी है कि यहाँ अच्छे
लोग खामोश है..!!!

अच्छा लगा हो तो शेयर जरुर कीजिएगा...🙏


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सब्र कर बन्दे ..
मुसीबत के दिन गुजर जायेंगे !!

आज जो तुझे देख के हंसते है ,
वो कल तुझे देखते रह जायेंगे !!

त्याग दे सब ख्वाहिशे ..
कुछ अलग करने के लिए !!

" राम " ने भी खोया बहुत कुछ ,
" श्री राम " बनने के लिए ..!🙏🏽🙏🏽
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गुरू से शिष्य ने कहा: गुरूदेव ! एक व्यक्ति ने आश्रम के लिये गाय भेंट की है।
गुरू ने कहा - अच्छा हुआ । दूध पीने को मिलेगा।
एक सप्ताह बाद शिष्य ने आकर गुरू से कहा: गुरू ! जिस व्यक्ति ने गाय दी थी, आज वह अपनी गाय वापिस ले गया ।
गुरू ने कहा - अच्छा हुआ ! गोबर उठाने की झंझट से मुक्ति मिली।
'परिस्थिति' बदले तो अपनी 'मनस्थिति' बदल लो । बस दुख सुख में बदल जायेगा.।
"सुख दुख आख़िर दोनों
मन के ही तो समीकरण हैं।"
🙏🏻🌞


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🌹🌀🌹🌀🌹🌀🌹🌀🌹🌀🌹किसी कवि ने क्या खूब लिखा है।
बिक रहा है पानी,पवन बिक न जाए ,
बिक गयी है धरती, गगन बिक न जाए
चाँद पर भी बिकने लगी है जमीं .,
डर है की सूरज की तपन बिक न जाए ,
हर जगह बिकने लगी है स्वार्थ नीति,
डर है की कहीं धर्म बिक न जाए ,
देकर दहॆज ख़रीदा गया है अब दुल्हे को ,
कही उसी के हाथों दुल्हन बिक न जाए ,
हर काम की रिश्वत ले रहे अब ये नेता ,
कही इन्ही के हाथों वतन बिक न जाए ,
सरे आम बिकने लगे अब तो सांसद ,
डर है की कहीं संसद भवन बिक न जाए ,
आदमी मरा तो भी आँखें खुली हुई हैं
डरता है मुर्दा , कहीं कफ़न बिक न जाए।
🌀🌹🌀🌹🌀🌹🌀🌹🌀🌹🌀🌹🌀🌹🌀🌹🌀🌹


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अंधे को मंदिर आया देख
लोग हँसकर बोले -
"मंदिर में दर्शन के लिए आए तो हो,
पर क्या भगवान को देख पाओगे?"
अंधे ने कहा -"क्या फर्क पड़ता है,
मेरा भगवान तो
मुझे देख लेगा."
द्रष्टि नहीं द्रष्टिकोण सकारात्मक होना चाहिए।-🙏
🙏🏻🌞

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इस युग में!, मंदिर जाने का समय मिले या ना,
मधुशाला कंपलसरी है!!🍻🍗
और हां ! चिडियो को दाना खिलाते तो है,
कुछ लोग तो चिड़िया ही खा जाते है!!

हम इंसान है!!
और इंसानियत हमारा धर्म!🙏🏻

सुबह जल्दी जागो, और दिन भर भागो
राम🙏🏻 राम
🔹🌞🔹👭👭👭👭👭👭👭👭👭👭

👭 🙏रAम रAम 🙏 👭
👭 ⚓ जमीन अच्छी हो 👭
👭  खाद अच्छा हो 👭
👭 परंतु 'पानी' अगर 👭
👭 'खारा' हो तो 👭
👭 फूल खिलते नहीं । 👭
👭 ⚓ भाव अच्छे हो 👭
👭 कर्म भी अच्छे हो 👭
👭 मगर 'वाणी' खराब हो तो 👭
👭 'सम्बन्ध' कभी टिकते नहीं। 👭
👭👭👭👭👭👭---------
वक्त की एक आदत बहुत
अच्छी है,
जैसा भी हो,
गुजर जाता है..!

“कामयाब इंसान खुश
रहे ना रहे.......
खुश रहने वाला इंसान .
कामयाब जरूर हो जाता..
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''इंसान ने वक़्त से पूछा...
          "मै हार क्यूं जाता हूँ ?"
                 वक़्त ने कहा..
              धूप हो या छाँव हो,
         काली रात हो या बरसात हो,
         चाहे कितने भी बुरे हालात हो,
           मै हर वक़्त चलता रहता हूँ,
            इसीलिये मैं जीत जाता हूँ,
                तू भी मेरे साथ चल,
             कभी नहीं हारेगा............."
🙏 जय गुरुदेव 🙏  

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Sunday, May 25, 2014

क्या कर रहे है हम?

              कभी हम दैाड़े नहीं, तो जीत भी हुई नहीं,
                डट कर अड़े नहीं, चौट भी लगी नहीं,
             फुरसत ही नही मिली, प्यार भी किया नहीं,
           मदहोश अपने धुन में थे��, खव्ब��में जिया नहीं,
                संघर्ष तो मजाक था, कुछतो हुवा नहीं,
           दस्तके अब आ रही〰, समझ कुछ पाया नहीं��,
              जिंदगी जानेको हे��, और कुछ किया नहीं,
          ये प्रकृति��, ये प्यार, जीवन का वेवहार��
                         अभी तक दिखा�� नहीं,
                         नोट�� ने खई ये जिंदगी,
                          वोटमें गवाई जिंदगी
                 �� खा लिया ! ज़िन्दगी ये कीमती,
                      कियु ना में जिया एक बार?
           �� थोड़ी और दे न मालिक ! ये जिंदगी उधार
               आभी रह गया अपनों से करना प्यार��
                 सपना टुटा!  और समज आया मुझे
                       दिन गये बीत हे कितने��,
                     अभी कुछ किया न हमने।।
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           ये जिंदगी बहुत अन्मोल हे, सत कर्मो में लगा दीजो
      दो रोटी मिलती हे न खानेको !! बस उतनेमे ही बिता दीजो
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                               राम राम��

Thursday, December 5, 2013

First गुरूत्वाकर्षण सिद्धान्त ( Law Of Gravitation )

1st Law Of Gravitation Hint in A Great VED 
वेद और वैदिक आर्ष ग्रन्थों में गुरूत्वाकर्षण के नियम को समझाने के लिये पर्याप्त सूत्र हैं ।

आधारशक्ति :- बृहत् जाबाल उपनिषद् में गुरूत्वाकर्षण सिद्धान्त को आधारशक्ति नाम से कहा गया है । 
इसके दो भाग किये गये हैं :- 

(१) ऊर्ध्वशक्ति या ऊर्ध्वग :- ऊपर की ओर खिंचकर जाना । जैसे अग्नि का ऊपर की ओर जाना । 

(२) अधःशक्ति या निम्नग :- नीचे की ओर खिंचकर जाना । जैसे जल का नीचे की ओर जाना या पत्थर आदि का नीचे आना ।

आर्ष ग्रन्थों से प्रमाण देते हैं :- 

(१) यह बृहत् उपनिषद् के सूत्र हैं :- 

अग्नीषोमात्मकं जगत् । ( बृ० उप० २.४ )
आधारशक्त्यावधृतः कालाग्निरयम् ऊर्ध्वगः । तथैव निम्नगः सोमः । ( बृ० उप० २.८ )

अर्थात :- सारा संसार अग्नि और सोम का समन्वय है । अग्नि की ऊर्ध्वगति है और सोम की अधोःशक्ति । इन दोनो शक्तियों के आकर्षण से ही संसार रुका हुआ है । 

(२) १५० ई० पूर्व महर्षि पतञ्जली ने व्याकरण महाभाष्य में भी गुरूत्वाकर्षण के सिद्धान्त का उल्लेख करते हुए लिखा :- 

लोष्ठः क्षिप्तो बाहुवेगं गत्वा नैव तिर्यक् गच्छति नोर्ध्वमारोहति । 
पृथिवीविकारः पृथिवीमेव गच्छति आन्तर्यतः । ( महाभाष्य :- स्थानेन्तरतमः, १/१/४९ सूत्र पर ) 

अर्थात् :- पृथिवी की आकर्षण शक्ति इस प्रकार की है कि यदि मिट्टी का ढेला ऊपर फेंका जाता है तो वह बहुवेग को पूरा करने पर, न टेढ़ा जाता है और न ऊपर चढ़ता है । वह पृथिवी का विकार है, इसलिये पृथिवी पर ही आ जाता है ।

(३) भास्कराचार्य द्वितीय पूर्व ने अपने सिद्धान्तशिरोमणि में यह कहा :- 

आकृष्टिशक्तिश्च महि तया यत् 
खस्थं गुरूं स्वाभिमुखं स्वशक्त्या ।
आकृष्यते तत् पततीव भाति 
समे समन्तात् क्व पतत्वियं खे ।। ( सिद्धान्त० भुवन० १६ ) 

अर्थात :- पृथिवी में आकर्षण शक्ति है जिसके कारण वह ऊपर की भारी वस्तु को अपनी ओर खींच लेती है । वह वस्तु पृथिवी पर गिरती हुई सी लगती है । पृथिवी स्वयं सूर्य आदि के आकर्षण से रुकी हुई है,अतः वह निराधार आकाश में स्थित है तथा अपने स्थान से हटती नहीं है और न गिरती है । वह अपनी कील पर घूमती है।

(४) वराहमिहिर ने अपने ग्रन्थ पञ्चसिद्धान्तिका में कहा :- 

पंचभमहाभूतमयस्तारा गण पंजरे महीगोलः ।
खेयस्कान्तान्तःस्थो लोह इवावस्थितो वृत्तः ।। ( पंच०पृ०३१ )

अर्थात :- तारासमूहरूपी पंजर में गोल पृथिवी इसी प्रकार रुकी हुई है जैसे दो बड़े चुम्बकों के बीच में लोहा ।

(५) आचार्य श्रीपति ने अपने ग्रन्थ सिद्धान्तशेखर में कहा है :- 

उष्णत्वमर्कशिखिनोः शिशिरत्वमिन्दौ,.. निर्हतुरेवमवनेः स्थितिरन्तरिक्षे ।। ( सिद्धान्त० १५/२१ )
नभस्ययस्कान्तमहामणीनां मध्ये स्थितो लोहगुणो यथास्ते ।
आधारशून्यो पि तथैव सर्वधारो धरित्र्या ध्रुवमेव गोलः ।। ( सिद्धान्त० १५/२२ )

अर्थात :- पृथिवी की अन्तरिक्ष में स्थिति उसी प्रकार स्वाभाविक है, जैसे सूर्य्य में गर्मी, चन्द्र में शीतलता और वायु में गतिशीलता । दो बड़े चुम्बकों के बीच में लोहे का गोला स्थिर रहता है, उसी प्रकार पृथिवी भी अपनी धुरी पर रुकी हुई है । 

(६) ऋषि पिप्पलाद ( लगभग ६००० वर्ष पूर्व ) ने प्रश्न उपनिषद् में कहा :-

पायूपस्थे - अपानम् । ( प्रश्न उप० ३.४ ) 
पृथिव्यां या देवता सैषा पुरुषस्यापानमवष्टभ्य० । ( प्रश्न उप० ३.८ )
तथा पृथिव्याम् अभिमानिनी या देवता ... सैषा पुरुषस्य अपानवृत्तिम् आकृष्य.... अपकर्षेन अनुग्रहं कुर्वती वर्तते । अन्यथा हि शरीरं गुरुत्वात् पतेत् सावकाशे वा उद्गच्छेत् । ( शांकर भाष्य, प्रश्न० ३.८ ) 

अर्थात :- अपान वायु के द्वारा ही मल मूत्र नीचे आता है । पृथिवी अपने आकर्षण शक्ति के द्वारा ही मनुष्य को रोके हुए है, अन्यथा वह आकाश में उड़ जाता । 

(७) यह ऋग्वेद के मन्त्र हैं :- 
यदा ते हर्य्यता हरी वावृधाते दिवेदिवे ।
आदित्ते विश्वा भुवनानि येमिरे ।। ( ऋ० अ० ६/ अ० १ / व० ६ / म० ३ ) 

अर्थात :- सब लोकों का सूर्य्य के साथ आकर्षण और सूर्य्य आदि लोकों का परमेश्वर के साथ आकर्षण है । इन्द्र जो वायु , इसमें ईश्वर के रचे आकर्षण, प्रकाश और बल आदि बड़े गुण हैं । उनसे सब लोकों का दिन दिन और क्षण क्षण के प्रति धारण, आकर्षण और प्रकाश होता है । इस हेतु से सब लोक अपनी अपनी कक्षा में चलते रहते हैं, इधर उधर विचल भी नहीं सकते । 

यदा सूर्य्यममुं दिवि शुक्रं ज्योतिरधारयः ।
आदित्ते विश्वा भुवनानी येमिरे ।।३।। ( ऋ० अ० ६/ अ० १ / व० ६ / म० ५ )

अर्थात :- हे परमेश्वर ! जब उन सूर्य्यादि लोकों को आपने रचा और आपके ही प्रकाश से प्रकाशित हो रहे हैं और आप अपने सामर्थ्य से उनका धारण कर रहे हैं , इसी कारण सूर्य्य और पृथिवी आदि लोकों और अपने स्वरूप को धारण कर रहे हैं । इन सूर्य्य आदि लोकों का सब लोकों के साथ आकर्षण से धारण होता है । इससे यह सिद्ध हुआ कि परमेश्वर सब लोकों का आकर्षण और धारण कर रहा है ।

Thursday, November 14, 2013

गाय के घी के अन्य महत्वपूर्ण उपयोग (Cow milk Hindi)

गाय के घी के अन्य महत्वपूर्ण उपयोग :–


1.गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर होता है।
2.गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है।
3.गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है।
4.20-25 ग्राम घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है।
5.गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है।
6.नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तारो ताजा हो जाता है।
7.गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बहार निकल कर चेतना वापस लोट आती है।
8.गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है।
9.गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है।
10.हाथ पाव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ढीक होता है।
11.हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी।
12.गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।
13.गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है
14.गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है।
15.अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
16.हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर गाय के घी की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा।
17.गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है।
18.जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाइ खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, हर्दय मज़बूत होता है।
19.देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।
20.संभोग के बाद कमजोरी आने पर एक गिलास गर्म दूध में एक चम्मच देसी गाय का घी मिलाकर पी लें। इससे थकान बिल्कुल कम हो जाएगी।
21.फफोलो पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है।
22.गाय के घी की झाती पर मालिस करने से बच्चो के बलगम को बह


हम अगर गोरस का बखान करते करते मर जाए तो भी कुछ अंग्रेजी सभ्यता वाले हमारी बात नहीं मानेगे क्योकि वे लोग तो हम लोगो को पिछड़ा, साम्प्रदायिक और गँवार जो समझते है| उनके लिए तो वही सही है जो पश्चिम कहे तो हम उन्ही के वैज्ञानिक शिरोविच की गोरस पर खोज लाये हैं जो रुसी वैज्ञानिक है|
गाय का घी और चावल की आहुती डालने से महत्वपूर्ण गैसे जैसे – एथिलीन ऑक्साइड,प्रोपिलीन ऑक्साइड,फॉर्मल्डीहाइड आदि उत्पन्न होती हैं । इथिलीन ऑक्साइड गैस आजकल सबसे अधिक प्रयुक्त होनेवाली जीवाणुरोधक गैस है,जो शल्य-चिकित्सा (ऑपरेशन थियेटर) से लेकर जीवनरक्षक औषधियाँ बनाने तक में उपयोगी हैं । वैज्ञानिक प्रोपिलीन ऑक्साइड गैस को कृत्रिम वर्षो का आधार मानते है । आयुर्वेद विशेषज्ञो के अनुसार अनिद्रा का रोगी शाम को दोनों नथुनो में गाय के घी की दो – दो बूंद डाले और रात को नाभि और पैर के तलुओ में गौघृत लगाकर लेट जाय तो उसे प्रगाढ़ निद्रा आ जायेगी ।
गौघृत में मनुष्य – शरीर में पहुंचे रेडियोधर्मी विकिरणों का दुष्प्रभाव नष्ट करने की असीम क्षमता हैं । अग्नि में गाय का घी कि आहुति देने से उसका धुआँ जहाँ तक फैलता है,वहाँ तक का सारा वातावरण प्रदूषण और आण्विक विकरणों से मुक्त हो जाता हैं । सबसे आश्चर्यजनक बात तो यह है कि एक चम्मच गौघृत को अग्नि में डालने से एक टन प्राणवायु (ऑक्सीजन) बनती हैं जो
अन्य किसी भी उपाय से संभव नहीं हैं|देसी गाय के घी को रसायन कहा गया है। जो जवानी को कायम रखते हुए, बुढ़ापे को दूर रखता है। काली गाय का घी खाने से बूढ़ा व्यक्ति भी जवान जैसा हो जाता है।गाय के घी में स्वर्ण छार पाए जाते हैं जिसमे अदभुत औषधिय गुण होते है, जो की गाय के घी के इलावा अन्य घी में नहीं मिलते । गाय के घी से बेहतर कोई दूसरी चीज नहीं है। गाय के घी में वैक्सीन एसिड, ब्यूट्रिक एसिड, बीटा-कैरोटीन जैसे माइक्रोन्यूट्रींस मौजूद होते हैं। जिस के सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचा जा सकता है। गाय के घी से उत्पन्न शरीर के माइक्रोन्यूट्रींस में कैंसर युक्त तत्वों से लड़ने की क्षमता होती है।यदि आप गाय के 10 ग्राम घी से हवन अनुष्ठान (यज्ञ,) करते हैं तो इसके परिणाम स्वरूप वातावरण में लगभग 1 टन ताजा ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकते हैं। यही कारण है कि मंदिरों में गाय के घी का दीपक जलाने कि तथा , धार्मिक समारोह में यज्ञ करने कि प्रथा प्रचलित है। इससे वातावरण में फैले परमाणु विकिरणों को हटाने की अदभुत क्षमता होती है।


                                                                                                                - By Gagan Sharma Bharti

Tuesday, October 22, 2013

Shaheed Ashraf Ul Khan ( अशफ़ाक उल्ला खां )

एक महान स्वतंत्रता सेनानी को उसके जन्मदिन पर स्रधांजलि........
अशफ़ाक उल्ला खां एक निडर और प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे और उर्दू भाषा के एक बेहतरीन कवि भी थे, अशफ़ाक उल्ला खां का जन्म आज ही के दिन 22 अक्टूबर, 1900 को शाहजहांपुर उप्र में हुआ था, चार भाइयों में अशफ़ाक सबसे छोटे थे. इनके बड़े भाई रियायत उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल के सहपाठी थे आगे चलकर दोनों के बीच दोस्ती का गहरा संबंध विकसित हुआ आर्य समाज के एक सक्रिय सदस्य और समर्पित हिंदू राम प्रसाद बिस्मिल अन्य धर्मों के लोगों को भी बराबर सम्मान देते थे. वहीं दूसरी ओर एक कट्टर मुसलमान परिवार से संबंधित अशफ़ाक उल्ला खां भी ऐसे ही स्वभाव वाले थे जल्द ही अशफ़ाक, राम प्रसाद बिस्मिल के विश्वासपात्र बन गए. धीरे-धीरे इनकी दोस्ती भी गहरी होती गई. फिर हुआ काकोरी कांड,,,, 9 अगस्त, 1925 को राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में अशफ़ाक उल्ला खां समेत आठ अन्य क्रांतिकारियों ने इस ट्रेन को लूटा राम प्रसाद बिस्मिल अपने साथियों के साथ पकड़े गए लेकिन अशफ़ाक उल्ला खां उनकी पकड़ में नहीं आए कुछ दिनों के बाद में अशफ़ाक को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और 19 दिसंबर, 1927 को एक ही दिन एक ही समय लेकिन अलग-अलग जेलों (फैजाबाद और गोरखपुर) में दो दोस्तों, राम प्रसाद बिस्मिल और अशफ़ाक उल्ला खां, को फांसी दे दी गई.उनकी आखरी दिनों की लिखी एक कविता ......

जाउगा खाली हाथ मगर ये दर्द साथ मे जायेगा ।

जाने किस दिन ये देश मेरा आजाद वतन कहलायेगा ॥
बिस्मिल हिन्दू है कहते है फिर आउगा फिर आउगा ।
फिर आकर ये भारत माँ तुझको आजाद कराउगा ॥
जी करता है मै भी कह दूँ पर मजहब से बंध जाता हूँ ।
मै मुसलमान हूँ पुनर्जन्म की बात नही कर पाता हूँ ॥
हाँ अगर मिल गया खुदा कही तो झोली फैला दूगा ।
मै जन्नत के बदले उससे फिर पुनर्जन्म ही मागूगा ॥

Friday, September 27, 2013

Matra Navami (मातृनवमी).

|| मातृ चरणकमलेभ्यो नम: ||

मातृनवमी में हमारी सब पूर्वज महिला को अवसर मिलता है। अपने खानदान के लोगो द्वारा अर्पित किये गए चीज ग्रहण करे। ।और अगर उनके सात कुछ अन्याय हुवा है थो उसकी शमा भी मिलती है जी खुल दिल से मनवॊ मातृनवमी। 
   जै माँ 

This Tithi is the most suitable day to perform mother’s Shraddha. It is believed that doing Shraddha on this Tithi appeases all deceased female members in the family. 


में कितना भाग्य्शाली हु की मेरी माँ मेरे सात है अज। …
पर जिनकी नहीं है। 
कोई बात नहीं माँ का अंश ही तो है अपना शरीर। ।
अज मातृनवमी है. 


Wednesday, April 17, 2013

Gold rate In India April 2013... What This matter


Why is gold plunging? The most important factor is that global inflation is falling, reducing gold’s value as a hedge against rising prices. Gold bugs who were betting on an outburst of inflation are scrambling to reverse their bets and exit their gold positions at any price.

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Friday, April 12, 2013

जय माता दी

Jai :Navratri ,नवरात्री , નવરાત્રી ,নৗরাতরী , নৱৰাত্রি , नवरात्री ,ਨਰਾਤੇ , ನವರಾತ್ರೀ , نَورات /, नवरात, నవరాత్రీ ,நவராதரீ ,നവരാത്രി


                                                    नवदुर्गा  (श्री दुर्गा के नौ रूपों) और एसोसिएटेड फूल

दिन 1:  माँ  शैलपुत्री  (दूर्वा, जास्वंदा Navratri color of the day is Grey

2 दिन: माँ  ब्रह्मचारनी  (शेवंती, सोंचापा Orange

 दिन 3:  माँ चंद्रघंटा (कमल,  तेर्दा White

4 दिवस: माँ कुष्मांडा ( जय, जेयूआई ) Red

5 दिन: माँ स्कंदमाता  ( निशिगंधा , गुलाब) Royal Blue

दिन 6: माँ कात्यायिनी (चमेली, सयाली) Yellow

7 दिन: माँ  कालरात्रि  ( कृष्णकमल , अश्तर Green

8 दिन: माँ महागौरी ( मोगरा, चंपा Peacock Green

दिन 9: माँ  सिद्धिदात्री ( मोगरा, चंपा Purple


आह्वाहन मंत्र 
मकरस्थं पाशहस्तं स्वर्णसम्पत्तिमिश्वरम !
आह्वायेयंप्रतोचिशं वरुणं याद्सां पतिम !!

ॐ तत्वायामि ब्रह्मणा ब्बन्दमानस्तदाशास्ते यजमानो हविर्भिः अह्ड्मानो वरुणेह बोध्युरूश समानआयुः प्रमोषीः !!
कलशे वरुणं साङ्ग सपरिवार सायुधं सशक्तिकमावाहयामि !! ॐ अपंपातये वरुणाय नमह !! इतियथोपचारैर्वरुणं ( कलशं) संपूज्य गँगादीन आवाहयेत !
मंत्रोपचार से कलश का पूजन करे और गंगा आदि नदियों व् समुद्र को आहवाहन करे ! 
ॐ कलाः कला हि देवानाम दानवानाम कलाः कलाः ! स्पृह्म निर्मितो येन कलशस्तेन कथ्येत !!1!!
कलशस्य मुखे विष्णुः कन्ठरूद्रः समाश्रितः !! 
मूले त्वस्य स्थितो ब्रह्मा मध्ये मातृ गणाः स्मृताः !!2!!
कुक्षौ तु सागराः सप्त सप्तदीपा च मेदिनी !!
अर्जुनाः गोमती चैव चन्द्रभागा सरस्वती !!3!!
कावेरी कृष्णावेणा च गंगा चैव महानदी !! 
ताप्ती गोदावरी चैव माहेन्द्री नर्मदा तथा !!4!!
नद्याश्च विविधा जाता नद्यः सर्वास्तथा पराः !!
पृथिव्याम यानि तिर्थानि कलशस्थानि तानि वै !!5!!
सर्वे समुद्रास्सरितस्तिथार्नि जलदा नदाः !!
आयान्तु मम शांत्त्यर्थम दुरितक्षय कारकः !!6!!
ऋग्वेदोथ यजुर्वेद - सामवेदोहाथवर्णः !!
अङ्गैश्च सहिताः सर्वे कलशं तु समाश्रिताः !!7!!
अत्र गायत्री सावित्री शांतिपुष्टिकरी तथा !!
आयान्तु मम शान्त्यर्थ दुरितक्षयकारकाः !!8!!
फिर कलश की विधि वत पूजन करे और यथाविधि दुर्गा देवी की प्राण प्रतिष्ठा करके पुष्प लेकर दुर्गा देवी का आहवाहन और ध्यान करे! 
दुर्गे देवि समागच्छ सान्निध्यमहि कल्पय !!
वलिं पूजां गृहाणत्वमष्टआभिः शक्तिभिः सहः !!3!!
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Vasant (Spring) Navratri 2013 dates
Ghatsthapana – Navratri Day 1 – April 11, 2013
Sindhara Dooj, Dwitiya – April 12, 2013
Gaur Teej, Saubhagya Teej, Tritiya – April 13, 2013
Varadvinayak Chaturthi – April 14, 2013
Sri Laxmi Panchami Vrat, Naag Vrat Pujan – April 15, 2013
Skand Shashthi, Yamuna Jayanti – April 16, 2013
Mahasaptami Vrat, Chaiti Chath, Vijaya Saptami – April 17, 2013
Sri Durga Mahaashtami, Annapurna Ashtami – April 18, 2013
Vasant Navratri ends – Ram Navratri Day 9 – April 19, 2013

Fall Navaratri in 2013 will start on Saturday, the 5th of October and will continue for 9 days until Sunday, the 13th of October.
जय माता दी 

* sorry for If Any Mistake (गलती की चमा मांगता हु ..)

Thursday, April 4, 2013

Google Glass ( गूगल ग्लास ) ...?


ये क्या है ? 
ग्रे, नारंगी, काले, सफेद, और हल्के नीले रंग में ये दुन्यिया के लिये एक अध्बुत थोफा है। ( from Google)
ध्यान से देखे इस ग्लास को,
एक Android संचालित ग्लास जो कि 720p कैमरा है, अप्पको यात्रा निर्देश और वीडियो स्ट्रीम करने के लिए अनुमति देता है, युक्ति के सामने एम्बेडेड है.
इस चश्मे को ग्लोबल मार्केट में उतरने की तयारी हो रही है। 

Google Glass Technical Specifications 

  • CPU: Single Core Processor
  • RAM: 256MB to 512MB
  • Graphics: Limited GPU
  • Camera: 720p
  • दाम लगभग 1500 $ ( 80,000 रुपे)  होने की संभावना है।

                     संस्करण धूप का चश्मा और कमजोर दृष्टि के लिए भी इस चश्मे को उत्तरा  जायेगा .....
और कुछ जानना है,
क्लिक करे इस SLM पर।  
More on  this in English  

Saturday, March 23, 2013

आवो दीवाने बनते है .... भारत के !!

My today is for them...

                             
                                   में इस काबील नहीं, की इन्की तारीफ़ करू ....... वन्दे मातरम।।