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Sunday, November 12, 2017

A Slap for Sanjay Bhansali

बॉलीवुड में भांड भरे है, नीयत सबकी काली है...
इतिहासों को बदल रहे, संजय लीला भंसाली है...

चालीस युद्ध जितने वाले को ना वीर बताया था...
संजय तुमने बाजीराव को बस आशिक़ दर्शाया था...

सहनशीलता की संजय हर बात पुरानी छोड़ चुके...
क्षात्र धर्म की खातिर हम कितनी मस्तानी छोड़ चुके...

अपराध जघन्य है तेरा, दोषी बॉलीवुड सारा है...
इसलिए राजपूतो ने सेट पर जाकर मारा है...

संजय तुमको मर्द मानता, जो अजमेर भी जाते तुम...
दरगाह वाले हाजी का भी नरसंहार दिखाते तुम...

सच्चा कलमकार हूँ संजय, दर्पण तुम्हे दिखाता हूँ...
जौहर पदमा रानी का, तुमको आज बताता हूँ...

सुन्दर रूप देख रानी का बैर लिया था खिलजी ने...
चित्तौड़ दुर्ग का कोना कोना घेर लिया था खिलजी ने...

माँस नोचते गिद्धों से, लड़ते वो शाकाहारी थे...
मुट्ठी भर थे राजपूत, लेकिन मुगलो पर भारी थे...

राजपूतों की देख वीरता, खिलजी उसदिन काँप गया...
लड़कर जीत नहीं सकता वो, ये सच्चाई भांप गया...

राजा रतन सिंह से बोला, राजा इतना काम करो...
हिंसा में नुकसान सभी का अभी युद्ध विराम करो...

पैगाम हमारा जाकर रानी पद्मावती को बतला दो...
चेहरा विश्व सुंदरी का बस दर्पण में ही दिखला दो...

राजा ने रानी से बोला रानी मान गयी थी जी...
चित्तौड़ नहीं ढहने दूंगी ये रानी ठान गयी थी जी...

अगले दिन चित्तौड़ में खिलजी सेनापति के संग आया...
समकक्ष रूप चंद्रमा सा पद्मावती ने दिखलाया...

रूप देखकर रानी का खिलजी घायल सा लगता था...
दुष्ट दरिंदा पापी वो पागल पागल सा लगता था...

रतन सिंह थे भोले राजा उस खिलजी से   छले गए...
कैद किया खिलजी ने उनको जेलखाने में चले गए...

खिलजी ने सन्देश दिया चित्तौड़ की शान बक्श दूंगा...
मेरी रानी बन जाओ, राजा की जान बक्श दूंगा...

रानी ने सन्देश लिखा, मैं तन मन अर्पण करती हूँ...
संग में नौ सौ दासी है और स्वयं समर्पण करती हूँ...

सभी पालकी में रानी ने बस सेना ही बिठाई थी...
सारी पालकी उस दुर्गा ने खिलजी को भिजवाई थी...

सेना भेजकर रानी ने जय क्षात्र बोल  दिया...
अग्नि कुंड तैयार किया था और साका भी खोल दिया...

मिली सुचना सारे सैनिक, मौत के घाट उतार दिए...
और दुष्ट खिलजी ने राजा रतन सिंह भी मार दिए...

मानो अग्नि कुंड की अग्नि उस दिन पानी पानी थी...
सोलह हजार नारियो के संग जलती पदमा रानी थी...

सच्चाई को दिखलाओ, हम सभी सत्य स्वीकारेंगे

     स्वाभिमान व बलिदान को बदनाम किया तो
                रण में उतरने वाले है
🙏

महासती महारानी पद्मिनी

सबसूँ पहली निवण करूँ,तीर्थराज चितौड़ !
चारूँ धाम ज्यूँ पवित्र,धिन धिन है आ ठौड़ !!

संत-सति अर सूरमा,जल्मया लाख-करोड़ !
सबही दुर्ग में बाँको है,जय जय गढ़ चितौड़ !!

हिन्दुस्तान रौ गौरव है ओ,चित्रकूट चितौड़ !
तिलक करूँ इण माटी सूँ,चंदन री आ ठौड़ !!

सौलह हज़ार पद्मणीयाँ,सत् री चुन्दड़ औढ़ !
जौहर करनें गयी स्वर्ग में,है वो हिज चितौड़!!

गौरा-बादल रे बलिदान रौ,नीं है कोई तौड़ !
बप्पारावल री कर्मभोम,बाँको है ओ चितौड़!!

कुम्भा राखी कीर्त इणरी,नव-खंड नें जौड़ !
साँगा वाली सूरवीरता,भूले नीं ओ चितौड़ !!

साँवरिया नें मौयो मीराँ,सागे इण हिज ठौड़!
दुजो जौहर करुणावति रो,रंग थनें चितौड़ !!

जैम्मल-पता गरजीया,राणा उदे री ठौड़ !
कल्लाजी रौ न्यारो जस,गावे ओ चितौड़ !!

आज़ादी री अलख जगायी,छौड़नें आ ठौड़ !
प्रताप रौ जस गौरव है,जूग़ जूग़ सूँ चितौड़ !

ख़िलजी नें अकबरिया रे,राख नी आयी हाथ!
मिनख मराया आपरा,नम्यो न मेवाड़ी नाथ !!

हिंदुस्थान रौ मान है ओ,गढ़ में गढ़ चितौड़ !
गौरवशाली इतिहास है,क्षत्रियों रो सिरमौड़ !!

पग पग माथे वीर हुया,सतियाँ हुयी अनेक !
इण माथे तो आज तक,फ़िल्म बणी न ऐक !!

लीला थूँ ग़ज़ब जायो,संजय जैड़ो ओ पूत !
फ़िल्म बनायी पद्मणी पर,सौ टका ही झूट !!

साँच बतादे तूँ लीलकी,कूण है इणरो बाप !
सौगन थनें उण बिंद री,नाँव न ज़ाणे तूँ आप!!

बोली लीला सूँण 'शक्ति' कहूँ बात मैं आज !
पातरियाँ रे बिंद नी होवे,रेवण दे तूँ ओ राज!!

याद राखजे संज्या थूँ ,केवूँ थनें मैं आज !
नाँव थारे पर थूकसी,आ जा तूँ अब बाज़ !!

इण फ़िल्म सूँ जो आवसी,खोटो है वो धन !
सति पद्मण रौ श्राप है,कीड़ा पड़सी तन !!

कीड़ा पड़सी तन में,मिलसी नरक में ठौड़ !
थारी पिढ़याँ भुगतसी,होसी सबरे कौड़ !!

आ वीरां रो गौरव गायो,शक्तिसिंह राठौड़ !
शेयर आप सबनें करो,अरज़ करूँ कर जौड़!!
     ✍
डॉ.शक्तिसिंह चाँदावत
लेखक,इतिहासकार,कवि व पर्यटक गाइड
जोधपुर(राज़.)